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शराब पीकर गाड़ी चलाने से दुर्घटना में आँख गंवाने वाले नकली नवाब पटौदी से ...

शर्मीला टैगोर , कवि रविंद्र नाथ टैगोर की पोती हैं



शर्मीला टैगोर निहायत आधुनिक,कई पिक्चरों में स्वीमिंग सूट, हाफ नेकर और बनियान में दृश्य देने के कारण काफी विंदास मानी जाती थीं ! दिलफेंक भी खूब थीं, उत्तम कुमार सहित कई बंगाली फ़िल्मी हस्तियों के साथ काफी कम उम्र में ही ........!



बहरहाल नकली नवाब पटौदी,जो इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट के दौरान शराब पीकर गाड़ी चलाने के दौरान एक्सीडेंट में एक आँख गवा चुके थे और आक्रमक क्रिकेट खेल कर महज़ 21 साल की उम्र में भारतीय टीम के कप्तान बन चुके थे, से शर्मीला का 'आँख मटक्का' हो गया, बेशक मंसूर अली खां पटौदी ने यह सोचा था कि शर्मिला को शराब की बोतल की तरह इस्तेमाल कर खाली होने पर फेंक देगा !

परंतु शर्मीला एक दिलफेंक मगर जटिल बंगाली मस्तिष्क की मालकिन थी अंतः उसने पटौदी को शादी के लिए बाध्य किया ,पटौदी ने अपने शाही खानदान का वास्ता देकर इस्लाम कुबूल कर निकाह करने की शर्त रखी और शर्मिला,जिसे अपनी रविंद्र नाथ टैगोर की विरासत का कोई आत्म स्वाभिमान नहीं था, शर्मीला फ़ौरन 'आयशा बेगम' बन गई ! आराधना पिक्चर की शूटिंग के दौरान ही शादी हुई और इसी दौरान 'सैफ उल' शर्मिला के गर्भस्थ हो गए !



शर्मीला ने दो 'नगीनों' को जन्म दिया ! सोहा अली खान और सैफ ! सोहा ने कुणाल खेमू से शादी की और कुणाल खेमू को इस्लाम स्वीकार करना पड़ा ! सैफ अपनी अम्मा से भी ज़्यादा आशिक मिजाज निकले, मां का आभा मंडल इतना बड़ा कि सैफ को फ़िल्में मिलने लगी और सैफ अली खां, छोटे नवाब के फ़र्ज़ी रुतबे के सहारे सेट पर मौजूद जूनियर कलाकार लड़कियों के शिकारी के रूप में प्रसिद्द हो गए ! 

शक्ल बेशक उस समय सैफ की 'मादा पांडा' जैसी थी, मगर अम्रता जैसी अभिनेत्री को उसने प्यार में दबोच लिया, जबकि अमृता सैफ से 12 साल बड़ी थी  अम्रता सिंह को जल्द ही इब्राहिम और सारा नामक बच्चों से नवाज़ दिया , 

इधर सैफ अली का लड़कियों के शिकार का शौक जारी रहा ! इस बीच समय-समय पर सैफ अपनी जेहादी विचार धारा के तहत हिंदुओं पर मुसलमान  होने के कारण मकान न देने जैसे नाटक करते रहे, महेश भट्ट के निर्देशन में खेलते रहे और अपने पाकिस्तानी चाचाओं से याराना और बढ़ाते रहे !



अम्रता सिंह का सफल फ़िल्मी करियर सैफ अली ने खत्म कर दिया और अम्रता को शर्मीला और मंसूर अली अली खां पटौदी ने भी बहू के रूप में खुल के मान्यता नहीं दी !

अम्रता को पटौदी खानदान ने 'आया' बना डाला ! इसी बीच सैफ अली खां ने रोज़ालिन नामक विदेशी सुंदरी का सफल शिकार किया ,जिसे अम्रता सिंह बर्दाश्त न कर सकी और अम्रता ने दोनों बच्चों को लेकर घर छोड़ दिया !
रोज़ालिन ने जल्द ही सैफ की 'जात' पहचान ली और सैफ को आइना दिखा अपने देश की राह ली !! 



इसी बीच करीना कपूर अपने पांचवे घोषित प्रेमी शाहिद कपूर से धोखा खाकर सिसक रही थीं, फिल्म 'ओमकारा' की शूटिंग के दौरान इस अरबपति हीरोइन के ऊपर सैफ ने सांत्वना का जाल फेका ! नवाब का फ़र्ज़ी आभामंडल था ही ,करीना को यह समझने की बुद्धि नहीं थी कि जब उनकी होने वाली सास शर्मिला उर्फ़ आयशा खान आज तक 'राजमाता' नहीं बन सकीं तो वह क्या रानी बन पाएगी ! 



करीना ने अम्रता की सिसकियों और मज़लूमियत का कोई एहतराम नहीं किया !
बहरहाल ,करीना को अपना धर्म हिन्दू छोड़,मुस्लिम बनते कोई दर्द नहीं हुआ ! करीना खान से तैमूर अली खान कर लिया, सैफ ने पाकिस्तान में रह रहे अपने खानदानीयों की सलाह से हर जागरूक हिंदु को चिढ़ाने के लिए ही 'तैमूर' नाम रखा है ! गौर करें कि मुसलमान तक अपने बच्चों का नाम 'तैमूर' नहीं रखते हैं !
पर अब भी बहुत से हिन्दू है जिनको ये सब चीजे बिलकुल समझ नहीं आएगी 
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