
New Delhi, 12 December: आप सब जानते ही होंगे कि केजरीवाल की उत्पत्ति भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ हुए आन्दोलन के समय हुई थी, पहले उन्हें भ्रष्टाचार और कालाधन विरोधी कहा जाता है लेकिन उन्होंने जिस प्रकार से अपना रंग बदला है और उन्होंने गिरगिट का रंग बदलने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, पहले रंग बदलने वाले व्यक्ति के लिए गिरगिट का उदाहरण देते देते हुए लोग कहते थे 'यार तुम तो गिरगिट की तरह रंग बदलते हो' लेकिन अब लोग गिरगिट का उदाहरण नहीं देते, अब लोग कहते हैं 'यार तुम तो केजरीवाल की रंग रंग बदलते हो'
इस वक्त केजरीवाल को सबसे बड़ा कालाधन प्रेमी कहा जा रहा है क्योंकि केजरीवाल चाहते हैं कि लोग बैंकों में अपना पैसा जमा ना करें, लोग सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दे, जिसके पास कालाधन है वह छिपा रहे और उसी कालेधन में से उन्हें मोटा कमीशन मिल जाए। इसीलिए वे मोदी सरकार द्वारा की गयी नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं।
समझदार लोग कहते हैं कि अपना पैसा हमेशा बैंकों में ही रखना चाहिए क्योंकि इससे वह धन सरकार के काम भी आता है, बैंक उसी धन से लोन देकर व्याज से पैसा कमाती हैं और चार फ़ीसदी खाताधारकों को भी मिलता है, अब आप सोचिये अगर बैंकें किसी को लोन नहीं देंगी तो उनकी यानी सरकार की कमाई कैसे होगी आपको चार फ़ीसदी व्याज कैसे देंगी। केजरीवाल जनता को भड़काते हुए कहते हैं कि आप लोग बैंकों में पैसे मत डालो वरना मोदी आपका पैसा अमीरों को दे देंगे और 8 लाख करोड़ का घोटाला कर देंगे।
अब आप सोचिये, केजरीवाल चाहते हैं कि लोग बैंकों में पैसा ना डालें, बैंकें अमीरों को लोन ना दें, अगर बैंकों में पैसा नहीं जाएगा तो वे छात्रों को एजुकेशन लोन, किसानों को कृषि लोन, उद्योगपतियों को उद्योग करने के लिए लोन कैसे देंगी। अगर बैंकों में 8 लाख करोड़ रुपये जमा हुए तो वे 6 लाख करोड़ रुपये को लोन के रूप में बाजार में दे देती हैं, अगर 10 लाख करोड़ रुपये जमा हुए तो 8 लाख करोड़ रुपये लोन में दे देंगी और उन्हीं लोगों से मुनाफा कमाती हैं और ग्राहकों को भी उनके धन पर 4 फ़ीसदी का व्याज मिलता है।
केजरीवाल का गणित ही अलग है, अगर बैंकें 8 लाख करोड़ रुपये लोन वालों को देंगी तो केजरीवाल उसे 8 लाख करोड़ का घोटाला कहेंगे और अगर बैंकें 10 लाख करोड़ रुपये लोन के लिए देंगी तो केजरीवाल उसे 10 लाख करोड़ का घोटाला कहेंगे। अब आप बताइये जब बैंक आपको लोन देता है तो क्या वो घोटाला कर रहा है। केजरीवाल चाहते हैं कि ना बैंक में पैसा जमा हो और ना ही किसी को लोन दिया जाय। मतलब वे भारत की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करना चाहते हैं।
इसीलिए लोग अब गिरगिट की जगह केजरीवाल का नाम लेने लगे हैं, पहले कहते थे मै बच्चों की कसम खाता हूँ किसी से समर्थन नहीं लूँगा लेकिन कांग्रेस का समर्थन लेकर मुख्यमंत्री बन गए, पहले बोले थे कि दिल्ली में लोकपाल पाऊंगा लेकिन आज तक नहीं आया, पहले खुद को ईमानदार बोलते थे लेकिन अब वे सबसे बड़े बेईमान हो गए हैं और चोरों और भ्रष्टाचारियों को बचाने लगे हैं।
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