
जो आप ही पिक देख रहे हो वह कोई कुंभ के मेले का नहीं है सिर्फ एक छोटा सा किसान पुत्र हनुमान बेनीवाल की रैली है जिसमें ना कोई मंत्री है ना कोई मुख्यमंत्री सिर्फ अकेला है
राष्टीय मीडिया की मानसिकता देखिये।।

अगर किसी कुते को खांसी हो जाय तो वह न्यूज प्राइम टाइम शो में दिखाई जाती रही है लेकिन 7 दिसंबर को 10 लाख लोग नागौर में एकत्रित हुए लेकिन अभी तक कुछ भी नही दिखाया गया है।।
क्या यह सरकार के दवाब की वजह से है.?
या एक वर्ग विशेष की ओछी मानसिकता.?
या एक जाति विशेष के प्रति घृणा..?
क्या ममता के इण्डिया गेट पर 40 लोगो की रेली का महत्व ज्यादा था.?
या आज 10 लाख लोगो की आवाज को दबाया जा सकेगा.?

सभी साईट वालो को पता लगना चाहिए कि बेनीवाल क्या चीज है
मीडिया को शख्त निर्देश दे रखा है वर्तमान सरकार के मुख्य कार्यकारी केबिनेट मंत्री की इस किसान के अग्रणी भूमिका निभा रहे व्यक्ति को मिडिया मे हाइलाइट नही करना है समझे क्या महान आत्माओ
इतिहास रच गया।।
जगह नही बैठने की।।
पांच लाख लोगो के बैठने की जगह थी।
तीन गुणा लोग आये।।
नागौर ए पी और जिलाधिकारी के हाथ पांव फुले।
जापता और मंगाने की तैयारी।।
नागौर के सभी थाने लगे वयस्ता सभालने मे।।

एक लाख के करीब गाडीया पहुची।।
सोशल मीडिया के हर किसी पोस्ट में आज 10 दिन से इसी फ़ोटो न्यूज से भरे पड़े है लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तो आँखे कान नाक बन्द कर चूका है।।।
मेरी आप सभी लोगो से निवेदन है कि आप हर पल पल की फ़ोटो को फेसबुक whatsapp ट्विटर इंस्टाग्राम पोस्ट करो और हुंकार भरो।।
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