जब भारत में सभी नोटबंदी के बारे में बात करने में व्यस्त थे तभी भारत ने एक और बड़ी सफलता हासिल की. फ़िलहाल भारत में चारों तरफ केवल नोटबंदी की ही चर्चायें है लेकिन देश में कालेधन को रोकने के लिए जो खेल मोदी जी द्वारा खेला गया है उसके बाद भारत सरकार ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक और बड़ा शॉट मारा है ।
रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने भारत और अमेरिका को एक ही मंच पर खड़ा कर दिया है । एक ऐसी उपलब्धि जिसपर हम सभी को गर्व होना चाहिए । अब भारत अमेरिका का सबसे ‘बड़ा रक्षा साझेदार’ होगा । यह बहुत दिलचस्प बात है कि भारत ही एकमात्र वो देश है जो अमेरिका के लिए इस दर्जे का साँझीदार देश बना है ।
बता दें कि अमेरिका भारत सुरक्षा परिषद जो की एक गैर लाभकारी संगठन है, इस पर दोनों देश मिलकर काम करने वाले है । इसको भारत ने एक ‘ऐतिहासिक उपलब्धि’ के रूप में करार दिया है । 9 दिसम्बर को अमेरिका के निवर्तमान रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने भारत को ‘बड़े रक्षा साझेदार’ का दर्जा देने के कदम को अंतिम रूप दिया. इससे उच्च स्तरीय अमेरिकी रक्षा प्रौद्योगिकी को साझा करने और त्वरित सहयोग में मदद मिलेगी. एश्टन कार्टर ने दिल्ली में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर और पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान ही भविष्य में होने वाले रक्षा सौदों पर इन्होने अहम बातचीत की ।
इस कदम से भारत-अमेरिका के रिश्ते और गहरे होंगे । कार्टर ने मनोहर पर्रीकर के लिए कहा कि ‘वह एक ऐसे रक्षा मंत्री हैं जिनके साथ मैंने अधिकतम बार मुलाकात की है’. मुलाकात के दौरान कार्टर ने कहा, ‘‘आज हमारे रक्षा संबंधों ने एक बड़ा कदम लिया है क्योंकि हम भारत को एक रक्षा साझेदार मानते हैं.’’
देखा जाए तो विश्व स्तर पर भारत ने एक बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल की है , वैसे भी अब ट्रम्प आने वाले हैं तो इस प्रकार के भारत-अमेरिकी सहयोग से विश्व राजनीति पर बहुत बड़ा फ़र्क़ पड़ने वाला है । अमेरिका को आज भारत की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है क्यूँकि पाकिस्तान लगभग पूरी तरह चीन का उपनिवेश जैसा बन गया है ।
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