
आज कल सृष्टि के नियमों के विपरीत ह स्त मै थु न, गुदा मै थु न और अयोनि मै थु न जैसी बुरे की बहुत चाल हो गयी है. इन कुकर्मों के कारण से ही, आज प्राय 50 से 80 फीसदी भारतीय बल वीर्यहीन नपुंसक हो रहें हैं. प्राय: 90 फीसदी युवा प्रमेह जैसे रोग में फंस कर अपनी जिंदगी के दिन निश्तेज हो कर जैसे तैसे काट रहें हैं. आज हम आपको सिर्फ हस्त मैथुन से होने वाले बुरे नतीजों से अवगत कराने जा रहें हैं. तांकि भारतीय युवा इस बुरे से अपने आप को बचाकर अपना जीवन तेजोमय कांतिमय बना कर संसार के सामने एक मिसाल पेश करें और भारत फिर से विश्व सिरताज बने.
- सृष्टि नियमो के विपरीत – ह स्त मै थु न प्रक्रिया सृष्टि के नियमों के बिलकुल विपरीत है. क्षणिक आनंद प्राप्त करने के लिए, बेवकूफ और नादान लोग नीचों की सोहबत में पड़ कर शिशन को हाथ से पकड़कर हिलाते या रगड़ते हैं और मात्र 2 सेकंड का आनंद प्राप्त कर के अपना बेशकीमती वीर्य निकाल कर अपने आप को कांतिहीन, ओजहीन, वीर्यहीन कर बैठतें हैं. यह प्रक्रिया इतनी बुरी है के अंग्रेजी में इसको सेल्फ पोल्यूशन, डेथ डीलिंग, हेल्थ डिस्ट्रॉयिंग आदि नाम से इसको संज्ञा दी गयी है.
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