रूपए’ शब्द संस्कृत के “रुपिया” शब्द से आया है, जिसका अर्थ है सही आकर में मुहर लगा हुआ मुद्रित सिक्का| संस्कृत में ही “रूपए” को एक शब्द से और जाना जाता था और वो है “रुपया” जिसका अर्थ है चांदी| इस ‘रूपये’ शब्द का बहुत लंबा इतिहास है जो कि भारत की 6 ईसा पूर्व से चला आ रहा है l 19वीं सदी में ब्रिटिश सरकार ने पेपर करेंसी कानून (1861) के साथ कागज के पैसों की शुरुआत कीl
1. नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर यहाँ से आई!
आप सब लोगों ने भारतीय नोटों पर महात्मा गाँधी जी की मुस्कुराती हुई तस्वीर तो देखि ही होगीl कुछ लोग मानते है कि यह तस्वीर उनके कार्टून की है यह सच नही है महात्मा गाँधी की मुस्कुराते हुए तस्वीर 1946 में एक अज्ञात फोटोग्राफर ने ली थीl इसे क्रॉप कर के इसे नोटों पर इस्तेमाल किया जाने लगाl आरबीआई बैंक ने महात्मा गाँधी की मुस्कुराते हुई तस्वीर को 1996 में नोटों पर इस्तेमाल किया थाl
2. विक्टोरिया पोर्ट्रेट सिरीज़
ब्रिटिश सरकार ने इस पेपर करेंसी कानून (1861) लागू होने के बाद सबसे पहले विक्टोरिया पोर्ट्रेट सिरीज़ में नोट जारी किये थे जिनमें 10, 20, 50, 100, 1000 के नोट जारी किये गए थेl
ब्रिटिश सरकार ने इस पेपर करेंसी कानून (1861) लागू होने के बाद सबसे पहले विक्टोरिया पोर्ट्रेट सिरीज़ में नोट जारी किये थे जिनमें 10, 20, 50, 100, 1000 के नोट जारी किये गए थेl
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