सीबीआई के नए चीफ राकेश अस्थाना ने पेंडिंग पड़े केसों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कई अगस्ता वेस्टलैंड केस के अलावा दूसरे केसेस में भी राजनेताओं से जुड़ी जांच के लिए भी उन्होंने अपनी रजामंदी दे दी है। सीबीआई की इस तेजी से आने वाले दिनों में कई नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। खासतौर पर उन नेताओं की जिनका नाम कई घोटालों में सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है और सीबीआई उन मामलों की जांच कर रही है।
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CBI ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर के सौदों में कथित दलाली के मामले में भी काफी तेजी से जांच की है। इसी जांच के बाद ही पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को भी सीबीआई ने अरेस्ट किया था। अब बारी इस केस में शामिल राजनेताओं की है।
दरसअल, अगस्ता वेस्टलैंड केस में सबसे ज्यादा मुश्किलें कांग्रेस की बढ़ सकती हैं। इस मामले में कई नेताओं का नाम जुड़ चुका है। सीबीआई के पास इस संबंध में एक डायरी भी है। जिसमें बताया जा रहा है कि कई नेताओं के नाम दर्ज हैं। ये डायरी इटली की अदालत ने सीबीआई को सौंपी है। जिसमें कांग्रेस नेताओं के नाम हैं।
सूत्र बताते हैं कि डायरी में दर्ज नाम वाले नेताओं से पूछताछ से पहले CBI इस डायरी की पुष्टि करेगी, उसके बाद ही इन लोगों पर हाथ डाला जाएगा। इधर, जिस तरह से पश्चिम बंगाल के चिटफंड घोटाले में भी CBI की जांच में तेजी आई है उससे भी ये साफ संकेत मिल रहे हैं कि भ्रष्ट नेताओं के बुरे दिन आ गए हैं। दरअसल, जब से राकेश अस्थाना ने अपना कामकाज संभाला है CBI के काम में काफी तेजी आ गई है।
रोजवैली चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों की गिरफ्तारी भी राकेश अस्थाना के आने के बाद ही हुई है। माना जा रहा है कि सीबीआई इस तरह के घोटालों में कई और हाईप्रोफाइल नेताओं के गिरेबान में हाथ डाल सकती है। दरसअल, CBI हमेशा ये कोशिश करती है कि आरोपी के खिलाफ पहले सारे सबूत जुटा लिए जाएं और उसके पर उससे पूछताछ की जाए।
जिसमें सबूतों के आधार पर आरोपी से पूछताछ होती है। ऐसे में जब दोनों के बीच अंतर पाया जाता है कि तो CBI आरोपी की गिरफ्तारी कर लेती है। दरअसल, सीबीआई नहीं चाहती है कि उसके किसी भी केस में आरोपी को सबूतों के अभाव में अदालत से कोई राहत मिले, या जल्द ही आरोपी को जमानत मिले।
CBI पुख्ता सबूतों के बाद ही कार्रवाई करती है। खासतौर पर हाईप्रोफाइल केस में उसे कुछ ज्यादा ही एहतियात बरतनी होती है। जानकारी के मुताबिक सीबीआई अगले महीने तक अगस्ता वेस्टलैंड केस में अपनी पहली चार्जशीट भी दाखिल कर देगी। इसके साथ ही अगस्ता वेस्टलैंड, रोजवैली चिटफंड, हरियाणा के तमाम स्कैम की जांच कर रही है CBI इन केस को भी जल्द से निपटाने के मूड में हैं।
खासबात ये है कि इन सभी घोटालों में कई बड़े नेताओं का नाम है। ऐसे में बहुत मुमकिन है कि आने वाले वक्त में CBI कई और बड़े नेताओं को सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है। हालांकि विपक्ष CBI की कार्रवाई पर हमेशा सवाल खड़े करता है। विपक्ष का कहना रहता है कि केंद्र सरकार सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है।
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