भारत में हिंदू धर्म के लोग मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को अपना भगवान और उनके जीवन पर लिखी गई ‘रामायण’ को अपने सबसे बड़े धार्मिक ग्रंथ में से एक मानते हैं| हम भारतीय जब एक दूसरे से मिलते हैं तो भी राम राम बोलते हैं| साथ ही ये भी सबको पता ही है कि भारत में हर साल बड़े स्तर पर रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी लोग बेहद उत्साह से भाग लेते हैं।
लेकिन आपको ये जानकर बेहद हैरानी होगी कि पूरी दुनिया के सबसे अधिक मुस्लिम लोगों की आबादी वाले देश में भी लोग भगवान राम और रामायण के बेहद दीवाने हैं। यही नहीं इस देश में एक स्थान है जिसको अयोध्या कहा जाता है और यहां के लगभग सभी मुस्लिम भी भगवान राम को ही अपना आदर्श पुरुष और पवित्र रामायण को ही अपने दिल के सबसे अधिक करीब मानते हैं|

आप ये जानकर दंग रह जाएँगे कि रामायण का वहाँ पर इतना अधिक प्रभाव है कि आज भी इस देश के कई इलाकों में रामायण के अवशेष और पत्थरों पर की जाने वाली नक्काशी पर रामकथा के चित्र यहां मिलते हैं।
यह देश विश्व के मानचित्र पर क्षिण पूर्व एशिया में स्थित है और इसकी आबादी लगभग 23 करोड़ है। बता ही देते हैं कि इसका नाम इंडोनेशिया है और यह दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। यहाँ की अधिकतर जनसंख्या मुस्लिम लोगों की है पर उनमे शिया मुस्लिम अधिक हैं जिन्हें पूरी दुनिया में कट्टरपंथी मुस्लिम नहीं माना जाता है। इसकी राजधानी जकार्ता है।

बता दें कि 1973 में इस देश की सरकार ने एक अंतर्राष्ट्रीय रामायण महोत्सव सम्मेलन का आयोजन करवाया था और काफ़ी देशों से रामलीला के कलाकार यहाँ आए थे। यह अपने आप में दुनिया का सबसे अनूठा आयोजन था क्योंकि पहली बार किसी मुस्लिम देश ने हिंदुओं के सबसे पवित्र महाग्रंथ रामायण पर इस तरह का आयोजन करवाया था|

हाल ही में इंडोनेशिया सरकार ने भारत के कई जगहों पर इंडोनेशिया की रामायण पर आधारित रामलीला का मंचन करवाने की मांग की है। ये डिमांड उन्होंने उस समय की थी जब इंडोनेशिया के शिक्षा और संस्कृति मंत्री अनीस बास्वेदन भारत आए थे। तब उन्होंने भारतीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा से मुलाकात कर यह कहा था कि इंडोनेशिया चाहता है कि वह साल में कम से कम दो बार भारत में अपने यहां प्रचलित रामायण का भारत के बड़े शहरों में मंचन करे|

इन लड़कियो का विडियो देख हर कोई दंग रह जायेगा
विडियो एकांत मे देखै।
केवल यही नहीं अनीस ने भारत में मोदी सरकार से ज़ोर देकर कहा कि हर साल रामायण पर्व के आयोजन भारत में बड़े पैमाने पर सरकार द्वारा किए जाने चाहिए, बल्कि वे भारत में हर साल रामायण पर्व के आयोजन करने को इच्छुक हैं।
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