
हमारे देश में पुण्य और पाप को लेकर सदियों से अनेक मान्यताएं चलती आ रही हैं। इन मान्यताओं के अनुसार, कुछ लोग पुण्य कमाने के लिए तीर्थ यात्राएं, हवन-पूजन समेत तमाम उपाय करते हैं। वैसे ही पाप धोने के लिए भी तमाम क्रिया-कर्म करते हैं। ये सब करने से इंसान को मानसिक रूप से भले ही शांति मिलती हो, इसकी प्रामाणिकता पर किसी ने दावे नहीं किये थे। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि राजस्थान में एक जगह ऐसी भी है जहां पापमुक्ति के दावे किए जाते हैं और लिखित तौर पर प्रमाणपत्र भी दिया जाता है।

दरअसल, मेवाड़ अंचल के के प्रतापगढ़ जिले के गौतमेश्वर धाम पर मन्दाकिनी कुंड की उत्पत्ति भगवान राम के अवतार से भी पूर्व की मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस कुंड में स्नान करने वाले इंसान को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस मान्यता के चलते देशभर से लोग यहां आकर कुंड में स्नान करते हैं और धार्मिक अनुष्ठान के बाद मंदिर प्रशासन को 11 रुपए का दान देकर पापमुक्ति का प्रमाण पत्र प्राप्त करते हैं।

लोगों का कहना है कि यहां हर प्रवृत्ति के लोग आते हैं। जिन लोगों से जाने-अनजाने में जो भी गलत काम यानी पाप हुआ हो, वे यहां आकर अपने पापों को प्रयाश्चित करते हैं। इस कुंड को लेकर यह भी मान्यता है कि अगर कोई सिर्फ एक वस्त्र में स्नान करे तो उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति भी होती है। यहां पर बता दें कि मेवाड़ और मालवा अंचल में अपराधी का सामाजिक बहिष्कार किए जाने की प्रथा है। लेकिन गौतमेश्वर धाम का पापमुक्ति प्रमाण-पत्र दिखाने पर उस इंसान को दोबारा समाज में ले लिया जाता है।


इस प्रमाण-पत्र पर गौतमेश्वर धाम की पंचायत के अमीन, कचहरी और पुजारी के हस्ताक्षर होते हैं। प्रमाण पत्र में दोष निवारण के 10 रुपए व एक रुपया गोमुख के बाद दोष निवारण व अन्य प्रमाण-पत्र के लिए लिया जाता है। पुजारी का कहना है कि हर साल यहां मेला लगता है।

जिसमें लाखों की तादाद लोग यहां आकर स्नान करते हैं और अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं। उनका यह भी कहना है कि आधुनिकता के दौर में कुछ लोग यहां से पाप मुक्ति प्रमाण-पत्र नहीं भी लेते हैं लेकिन, कई लोग दूर-दूर से पाप मुक्ति प्रमाण-पत्र बनवाने आते हैं।
Like Our Facebook Fan Page
Subscribe For Free Email Updates
0 comments: