नई दिल्ली। जिन गांवों में बिजली नहीं है, वहां मोबाइल को चार्ज करना बड़ी समस्या होती है। 12वीं के छात्र वाजीफ खान ने इस समस्या का हल ढूंढ लिया है। वाजीफ ने ऐसा आविष्कार किया है, जिससे साइकिल पर चलते हुए मोबाइल चार्ज किया जा सकता है। टोहाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाला वाजीफ ने बताया कि जब वह अपने ननिहाल गया था तो वहां बिजली की काफी समस्या था।
इसलिए वहां के लोग ज्यादातर अपना मोबाइल स्विचऑफ रखते थे। जब उन्हें किसी को कॉल करनी होती थी तभी लोग मोबाइल को ऑन करते थे। गांव वालों की इस समस्या को देखकर वाजीफ ने इसका हल ढूंढने की ठान ली। उसने सोचा की गांव में साइकिल का प्रयोग आम है, इसलिए इसकी मदद से ही मोबाइल को चार्ज करने की तरकीब निकाली जाए। अपने घर लौटते ही वाजीफ खान ने ऐसा चार्जर बनाया जिससे साइकिल चलाते समय उसके पहिए से उत्पन्न ऊर्जा से मोबाइल को चार्ज किया जा सकता है।
खास बात यह है कि छात्र ने अपने इस आविष्कार में कबाड़ के सामानों का इस्तेमाल किया। वाजीफ खान ने चार्जर बनाने के लिए कबाड़ से एक डायनमो और कार के एसी का फैन ढूंढा और दोनों को साइकिल के पहिए के साथ लोहे की एक पत्ती के सहारे जोड़ दिया। जैसे ही पहिया चला तो डायनमो से बिजली पैदा हुई।
इस बिजली को उसने दो तारों की मदद से साइकिल पर एक प्लग लगाकर उस तक पहुंचाया, जिसमें चार्जर लगा कर आसानी से मोबाइल चार्ज किया जा सकता है। इस चार्जर को बनाने में वाजीफ को 250-300 रुपए का खर्च आया। वाजीफ ने बताया कि अगर साइकिल घर में खड़ी हो तो भी इससे मोबाइल चार्ज किया जा सकता है। इसके लिए साइकिल को स्टैंड पर लगाकर उसके पिछले पहिए को घुमाना होगा।
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