विभिन्न देशों में आपने अजीबो गरीब प्रथाओं के बारे में सुना होगा। जो सिर्फ अजीब ही नही होती रोंगटे खडे करने वाली भी होती है। लेकिन एक ऐसी प्रथा के बारे में आपको यहां बताया जा रहा है जिसके बारे में जानकर तय करना मुश्किल हो जाएगा कि ये परपंरा है या निर्दयता या फिर सुरक्षा के नाम पर महिला हिंसा।
साउथ अफ्रीका, कैमरून और नाइजीरिया आदि जगहों पर लड़कियों को आयरनिंग प्रथा की इस दर्दनाक प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। ब्रेस्ट आयरनिंग में किशोरावस्था शुरू होते ही लड़कियों के ब्रेस्ट को गर्म लकड़ी के टुकड़े, हथौड़े या पत्थर से दागा जाता है।ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि वे सपाट रहें। ब्रेस्ट का शेप न ले सकें। हाल ही में यह बात सामने आई है कि ब्रिटेन में रहने वाले अफ्रीकी समुदाय की लड़कियों को भी इस प्रथा के दर्द से गुजरना पड़ रहा है।
कैमरून की लगभग 50 प्रतिशत लड़कियां इस प्रथा का शिकार हैं।अफ्रीका में ये दर्दनाक प्रथा चलन में है। यूनाइटेड नेशंस ने ब्रेस्ट आयरनिंग प्रथा को लिंग आधारित हिंसाओं की कैटेगरी में रखा है। वहां ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि इससे लड़कियों को रेप से बचाया जा सकता है। वे शादी से पहले प्रेग्नेंट नहीं होंगी।
10 साल से कम उम्र की कई लड़कियां भी हर रोज इस प्रथा का शिकार होती हैं।खुद लड़की की मां ऐसा करती है। गर्म हथौड़े, पत्थर, भारी लकड़ी के दुकड़े से ब्रेस्ट को जोर से दबाते हैं, जिस कारण बहुत दर्द होता है। लेकिन ना चाहते हुए भी लडकी ये सब अपने साथ चुपचाप करवाती है।
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