अपने तरह के अनोखे इस शोध में शोधकर्ताओं ने 18 वर्षों तक लगभग 16 हजार पुरुष और महिलाओं का अध्ययन किया। इनमें से हर तीसरे व्यक्ति का इस दौरान कम से कम एक बार तलाक हुआ, जिनमें से 12 सौ लोगों को दिल का दौरा पड़ा। इनमें बड़ी संख्या महिलाओं की थी। शोध के मुताबिक महिलाओं को पहली शादी के टूटने की मानसिक पीड़ा से उबरने में काफी मुश्किल होती है।
शोध से पता चला है कि तलाक के बाद पुरूषों में दिल का दौरा पड़ने की समस्या जहां दस प्रतिशत तक होता है तो वही महिलाओं में ये आकड़ा 30 प्रतिशत तक है। तलाक की वजह से तनाव की समस्या भी पैदा हो जाती है और दिमाग पर लंबे समय तक इसका असर रहता है। रिसर्च प्रोफेसर लिंडा जॉर्ज के मुताबिक महिलाओं मे शादी के टूटने का मनोवैज्ञानिक असर जल्दी नहीं खत्म होता। शादीशुदा महिलाएं ज्यादा खुश रहती हैं।
वह कहती हैं कि तलाक के बाद होने वाली क्षति का अंदाजा जीवनस्तर में आए बदलावों से नहीं लगाया जा सकता। ड्यूक युनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉर्ज ने बताया कि तलाक के कारण तनाव की समस्या पैदा हो जाती है जिस वजह से शरीर में रक्तचाप और हार्मोन प्रभावित होता है जिसका असर दिल पर होता है।
हालांकि ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन का कहना है कि तलाक के मामलों को दिल के दौरे के खतरे से जोड़ने से पहले और अधिक शोध किए जाने की जरूरत है। इस से पहले एक और शोध से पता चला था कि अविवाहित लोगों में शादीशुदा लोगों के मुकाबले दिल का दौरा पड़ने की संभावना ज्यादा होती है। तलाक के बाद दिल टूटने के बारे में तो सभी लोगों ने सुना होगा लेकिन तलाकशुदा पुरुषों के दिल पर इसका जितना असर होता है, उससे दोगुना असर महिलाओं के दिल पर होता है और इसके कारण उनमें दिल का दौरा पड़ने की आशंका दोगुना बढ़ जाती है।
अमेरिका में उत्तरी कैरोलीना की ड्यूक यूनीवर्सिटी में हाल ही में हुए एक शोध के मुताबिक खुशहाल शादीशुदा महिलाओं की तुलना में तलाकशुदा महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है और पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह खतरा दोगुना रहता है। शादीशुदा महिलाओं के मुकाबले तलाकशुदा महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने का खतरा 24 फीसदी बढ़ जाता है। महिलाएं अपने रिश्ते को लेकर इतनी संवेदनशील होती हैं कि उसके टूटने से वह तनाव, दुख और ऐसी तमाम मानसिक पीड़ा से गुजरती हैं जो दिल के दौरे की आशंका को बहुत ज्यादा बढ़ा देती हैं।
दो या उस से ज्यादा तलाक के बाद शादीशुदा महिलाओं के मुकाबले तो यह खतरा और भी बढ़ जाता है। शोध में हालांकि यह भी बताया गया है कि अपनी जीवनसाथी से अलगाव के बाद पुरुषों में भी दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है लेकिन यह महिलाओं की तुलना में काफी कम होता है। शोध के मुताबिक महिलाओं में दोबारा शादी के बाद भी ये खतरा बना रहता है जबकि पुरुषों का दिल दूसरी शादी के बाद और तंदुरुस्त हो जाता है।
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