
इंसान मां के गर्भ में ही बूढ़ा होना शुरू हो जाता है. लेकिन अगर कुछ बातों का ख्याल रखा जाए तो नवजात शिशु के भीतर बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है। ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और नीदरलैंड्स के वैज्ञानिकों के शोध में यह बात पता चली है। प्रोफेसर डीनो जुसानी की अगुवाई में हुई रिसर्च में यह बात सामने आई है।
असल में इंसान का डीएनए क्रोमोसोम पर दर्ज होता है। मानव शरीर में इसके 23 जोड़े होते हैं। क्रोमोसोम के आखिरी छोर को टेलोमेरस कहा जाता है। यह क्रोमोसोम को बांधे रखता है।
उम्र बढ़ने के साथ साथ टेलोमेरस छोटा होने लगता है। इसकी लंबाई से उम्र का पता लगाया जा सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक रक्त कणिकाओं में मौजूद टेलोमेरस की लंबाई के जरिये बुढ़ापे की रफ्तार भी जानी जा सकती है।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर गर्भावस्था के दौरान मां के खून में ऑक्सीजन की कमी होती है तो इसका सीधा असर शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है। धूम्रपान करने वाली या प्रिएक्लमेशिया की रोगी महिलाओं में ऑक्सीजन का स्तर कम होता है। रिसर्च के दौरान गर्भवती चुहियाओं को अलग अलग ग्रुपों में बांटा गया। एक ग्रुप को लगातार 7 फीसदी कम ऑक्सीजन दी गई. ऐसी चुहियाओं के बच्चे जब बड़े हुए तो उनके टेलोमेरस छोटे थे. उन्हें दिल की बीमारियां दूसरे सामान्य चूहों की तुलना में ज्यादा जल्दी हुईं।
गर्भावस्था के दौरान एंटीऑक्सीडेंट की खुराक लेने वाली चुहियाओं के बच्चों को भी हृदय रोगों का कम खतरा था। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जुसानी नतीजों को समझाते हुए कहते हैं, "हम जानते हैं कि जीन आसपास के वातावरण से प्रभावित होते हैं, जैसे धूम्रपान, मोटापा, व्यायाम की कमी, इससे हृदय के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इस अहम जानकारी है जिसके जरिए वयस्कों में दिल के बीमारी के जोखिम को प्रोग्राम किया जा सकता है।
यह पता है कि एंटीऑक्सीडेंट बुढ़ापे को धीमा करते हैं. लेकिन यह पहली बार है जब हम यह दिखा रहे हैं कि गर्भवती मांएं अगर एंटीऑक्सीडेंट लें तो कोख में पल रहे शिशु के बुढ़ापे की रफ्तार भी धीमी होगी। " एंटीऑक्सीडेंट वे तत्व हैं जो शरीर से विषैले तत्वों को हटाते हैं. ये अनार, अंगूर, खुमानी, आलूबुखारा, ब्लूबेरी जैसे फलों में पाये जाते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि चूहों पर किए इस परीक्षण के जरिये इंसान की समस्याएं भी सुलझाई जा सकेंगी।
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