लखनऊ – यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ‘न बैठक, न कानून बनाने का बहाना…सीधे आदेश’ के फार्मूले पर काम कर रहे हैं। अब आदित्यनाथ योगी अखिलेश यादव के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी करने जा रहे हैं। गुटखा, बूचडखाना और गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब उन्होंने अखिलेश सरकार में हुए 5 करोड़ से अधिक के भुगतान की समीक्षा करने का आदेश दे दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि पिछली सपा सरकार ने चुनाव की घोषणा के बाद भी अनेक फैसले लिए जो अनैतिक थे। कई भुगतान भी किये गए और अब ऐसे सभी मामलों की समीक्षा की जाएगी।
सरकारी नौकरियों में भर्ती जल्द ही –
सीएम आदित्यनाथ ने सपा सरकार में हुए पांच करोड़ रुपये से अधिक के भुगतान से संबंधित फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजने का आदेश दिया है। सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप प्रदेश का विकास करना है। सरकार सुशासन और विकास के माध्यम से सूबे की छवि निखारने तथा कमजोर एवं गरीब वर्गों का जीवन स्तर बेहतर करने के लिए कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी के सबका साथ-सबका विकास एंजेडे पर विशेष बल दिया। सीएम आदित्यनाथ ने यह कहा कि सभी विभागों में रिटायर्ड लोगों की पुनर्नियुक्ति (रि-एम्प्लॉयमेंट) करने के लिए समीक्षा की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति के पास कोई विशेष योग्यता है तो उसकी पुनर्नियुक्ति पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जल्द ही सरकारी नौकरियों पर भर्ती के संबंध में तैयारी शुरू करने के लिए भी कहा है।
मंत्री-जनप्रतिनिधि को दी विशेष चेतावनी –
योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों को विशेष हिदायत देते हुए कहा है कि वे एक जनप्रतिनिधि के रूप में सभी से सद्भावनापूर्ण व गरिमापूर्ण व्यवहार करें। वे समय का ध्यान रखें और कार्यालय में अपनी उपलब्धता बनाए रखें। पीएम मोदी के नक्शे-कदम पर चलते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि मंत्री सोशल मीडिया का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें और लोगों से संपर्क करें।
आदित्यनाथ ने अपने सभी मंत्रियों से कहा है कि वे अपने साथ एक ऐसा विशेषज्ञ रखें जो सोशल मीडिया के इस्तेमाल में निपुण हो और लोगों तक सही जानकारी को तुरंत पहुंचा सके। सीएम ने इलाहाबाद शहर की सभी स्ट्रीट लाइटों को हटाकर एलईडी लाइट्स लगाने का तत्काल आदेश दिया है।
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