
ये मीडिया के एंकर, पाउडर और अन्य मेकअप सामान पोतकर कैमरे के सामने बैठ जाते है
और अपना मुँह खोलना शुरू कर देते है
जैसे ये लोग न जाने कितने ऊँचे स्तर के ज्ञानी हो, महाज्ञानी हो
आखिर ये मीडिया हमारे समाज को किस नीच स्तर पर ले जाना चाहती है, आप ध्यान से पढ़िए और समझने की कोशिश कीजिये, की दैनिक भारत के लेखों में शब्द इतने कड़े क्यों होते है
2015 में भारत की सुप्रीम कोर्ट ने अखिलेश सरकार को आदेश दिया की, यूपी में जितने भी गैर क़ानूनी कत्लखाने है उसे बंद करो, वोटबैंक वाली सरकार ने बंद किया नहीं
योगी सरकार आयी, और कानून का ही पालन किया
बता दें की सभी कत्लखाने बंद नहीं किये जा रहे न किये गए है, केवल वही कत्लखाने बंद किये गए जो गैर क़ानूनी थे, जिनके पास लाइसेंस नहीं था, पर मीडिया ने इसका विरोध किया
* सरकार गैर क़ानूनी काम रोक रही है पर मीडिया को मिर्ची लग गयी
आजतक नाम का चैनल और उसके बड़े बड़े एंकर लोगों को समझाने लगे की, यूपी में मांस कारोबार सालाना 17 हज़ार करोड़ का है, और लगभग 3 लाख लोग इस कारोबार से रोजगार पाते है
ऐसे में योगी सरकार के कारवाही से लोगों को रोजी रोटी की समस्या हो जाएगी
वहीँ भोले भले लोग, इनकी बातों में आ जाते है, हां भाई सही कह रही है एंकर इतने कसाइयों का क्या होगा
वैसे यहाँ नोट आपको कुछ और भी करना चाहिए
भारत में सालाना चोरी का कारोबार 2 लाख करोड़ का है, और कालाबाज़ारी, ब्लैक मार्केटिंग का काम 6 लाख करोड़ का, हवाला का भी कारोबार लाखों करोड़ का है
और अन्य तरह के अपराध इनका भी बड़ा कारोबार है, और ये भी बता दें की इन गैर क़ानूनी कामो में करोडो लोग लगे हुए है
तो क्या ये सब भी होने देना चाहिए ?
आजतक लोगों को बता रहा है की, क्योंकि 3 लाख लोग लगे हुए है, इसलिए गैर क़ानूनी काम भी हो जाने देना चाहिए, आखिर ये गन्दी मीडिया देश को और समझ को किस नीच स्तर पर लेकर जाना चाहती है
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