तुलसी में फाइटोन्यूट्रीयेंट्स नामक तत्व पाया जाता है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यही नहीं जो रासायनिक तत्व तुलसी के फूल और पत्तों में पाए जाते हैं, वे हमें तमाम किस्म की बीमारियों से निजाद दिलाने में सहायक हैं।
- 1
तुलसी के पत्ते
तुलसी को अगर सभी जड़ी बुटियों का राजा कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। तुलसी में फाइटोन्यूट्रीयेंट्स नामक तत्व पाया जाता है, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यही नहीं, जो रासायनिक तत्व तुलसी के फूल और पत्तों में पाए जाते हैं, वे हमें तमाम किस्म की बीमारियों से निजाद दिलाने में सहायक हैं। साथ ही इसमें कई किस्म के विटामिन और मिनरल मौजूद होते हैं। इसके पर्याप्त लाभ हासिल करने के लिए इसे सूखा भी खाया जा सकता है और चाहें, तो इसके रस का पान भी किया जा सकता है। इसे फ्लेवर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कहने का मतलब यह है कि तुलसी में कई किस्म के लाभ होते हैं, जिससे सामान्यतः लोग अंजान होते हैं। आइए हम इस बाबत आपकी मदद करते हैं। - 2
एंटीऑक्सीडेंट
तुलसी में मौजूद तत्व एंटीआक्सीडेंट की भूमिका अदा करते हैं। लेकिन हां, आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि पत्ते ताजा और साफ हों। इसमें कैंसर रोधी तत्व भी मौजूद होते हैं। यही नहीं सर्दी जुकाम के रोकथाम हेतु भी कई लोग तुलसी का उपयोग करते हैं। - 3
बुखार
यूं तो तुलसी को सर्दी जुकाम के रोकथाम के लिए सभी जानते हैं। जी, हां! तुलसी के सिर्फ कुछ पत्ते आपके शरीर के गर्म तापमान को झट से कम कर सकते हैं। यही नहीं तुलसी रस के सेवन से आप चाहें तो मलेरिया और डेंगू के लक्षणों को भी खत्म कर सकते हैं। आप चाहें, तो तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में उबाल भी सकते हैं। अगर बुखार काफी समय से न उतर रहा हो, तो इसके लिए आपको चाहिए कि तुलसी के साथ इलायची मिलाकर उसे एक कप पानी में गर्म करें। इसका सेवन कई बार करें। आप महसूस करेंगे कि बुखार काफी कम हो गया है साथ ही सर्दी जुकाम भी छूमंतर हो चुका है।
- 4
प्रतिरक्षी तंत्र बूस्टर
तमाम सर्वेक्षणों से यह साबित हो चुका है कि तुलसी के पत्तों में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो कि प्रतिरक्षी तंत्र बूस्टर के रूप में काम करते हैं। इसमें मौजूद रासायनिक तत्व हमारी एंटीबॉडीज को 20 फीसदी तक ज्यादा मजबूत बनाता है। मतलब यह है कि हमारा इम्यून सिस्टम को तुलसी पत्ते से खासा ताकत मिलती है। यही नहीं यदि किसी को इम्यून सिस्टम में किसी तरह की इंफेक्शन हो यानी संक्रमण हुआ तो उससे भी लड़ने में तुलसी की महति भूमिका है। वैसे आपको बताते चलें कि तुलसी के सूखे पत्ते की तुलना में इसके ताजा पत्तों में ज्यादा लाभ होता है। अतः संभव हो तो तुलसी के ताजा पत्तों का ही रस पीएं। - 5
खासी
सर्दी के साथ-साथ यदि आपको खासी की शिकायत भी बनी हुई है तो भी तुलसी को विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल तुलसी का रस कफ सिरप सरीखा काम करता है। इसके लिए आपको 8 से 10 पत्तों सहित 5 लवंग गर्म पानी में दस मिनट तक उबालना है। बादमें इस रस को पीना है। इससे आपकी खासी छूमंतर हो जाएगी। - 6
प्रज्वलनरोधी
तुलसी के पत्तों में कुछ खास किस्म के तेल होते हैं मसलन इयूजेनोल, सिटरल, लिनालूल आदि। ये तेल असल में प्रज्वलनरोधी के रूप में काम करते हैं। 10 से 12 पत्तों को गर्म पानी में उबालेंऔर जलन कम करने हेतु इसे पीते रहें। आप चाहें तो तुलसी पत्ते के पेस्ट में नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। इससे इंफेक्शन से हो रही जलन में कमी आती है। यही नहीं यदि आपको रैशेज या एग्जीमा के कारण हुई जलन की शिकायत है तो भी तुलसी के रस को इस रोग के निवारक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
Like Our Facebook Fan Page
Subscribe For Free Email Updates
0 comments: