
मेरठ : नगर निगम बोर्ड बैठक में वंदे मातरम गायन शुरू होने से पहले ही विपक्षी पार्षदों द्वारा सदन छोड़ने पर मंगलवार को फिर विवाद हो गया !
नगर निगम बोर्ड बैठक में वंदे मातरम गायन शुरू होने से पहले ही विपक्षी पार्षदों द्वारा सदन छोड़ने पर मंगलवार को फिर विवाद हो गया। विपक्षी पार्षद जब वंदे मातरम खत्म होने के बाद लौटे तो यह प्रस्ताव पास कर दिया गया कि जो पार्षद वंदे मातरम के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहेगा, उसे बोर्ड बैठक में स्थान नहीं दिया जाएगा। ऐसे पार्षदों की सदस्यता भी समाप्त की जा सकती है।
इसको लेकर हुए हंगामे के बीच भाजपा पार्षदों ने ‘हिंदुस्तान में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा’ के नारे लगाए तो विपक्षी पार्षद बोले कि ‘हिंदुस्तान में रहेंगे और अल्लाह हू अकबर कहेंगे’।
घटना इस तरह घटी जैसे ही जैसे ही महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने सदन की कार्यवाही शुरू करने से पहले सभी को वंदे मातरम के लिए खड़े होने को कहा तो विपक्षी पार्षद शाहिद अब्बासी, दीवानजी शरीफ, अफजाल सैफी, नवाब कुरैशी आदि सदन से बाहर जाने लगे.
जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया. देखा जाए तो ये बहुत ही शर्मनाक कृत्य है जो इन मुस्लिम पार्षद द्वारा किया गया.आखिर वन्देमातरम से इन लोगों को क्या तकलीफ है भारत में रहकर ये लोग वन्देमातरम नहीं बोल सकते तो ये भारत में रहने लाइक ही नही है.
इस घटना के बाद मेरठ के मेयर हरिकांत आहलूवालिया ने घोषणा की है कि नगर निगम के हर सदस्य को वंदे मातरम और राष्ट्र गान गाना होगा। अगर सदस्य ऐसा नहीं करेगा तो उसे बोर्ड की मीटिंग में नहीं आने दिया जाएगा या वह इसकी कार्यवाहियों में भाग नहीं ले पाएगा।
0 comments: