इलाहबाद में 2 कत्लखाने योगी जी के मुख्यमंत्री बनने के पहले दिन की नगरनिगम ने सील कर दिए
ये कत्लखाना अटाला और नैनी में स्तिथि था
इन दोनों की कत्लखानो में रोजाना लगभग 3000 जानवरों का क़त्ल किया जाता था
पर आप जानकार हैरान हो जायेंगे की, ये दोनों ही कत्लखाने गैर क़ानूनी थे, इनके पास कोई लाइसेंस भी नहीं था और दोनों ही गैर क़ानूनी तरीके से राजनितिक संरक्षण पाकर चलाये जा रहे थे
नगरनिगम के अधिकारियों ने बताया की ये कत्लखाने गैर क़ानूनी थे तभी इनको सील कर दिया
यहाँ एक और चीज बताई गयी की, इन दोनों ही कत्लखानो को बंद करने के लिए 1 मई 2016 को ही आदेश दिया था,
पर कत्लखाने बंद हुए 20 मार्च 2017 को, जब मुख्यमंत्री के पद पर योगी जी बैठे
उस से पहले इन कत्लखानो को बंद नहीं करवा सका नगरनिगम, और ऐसा क्यों ??
क्योंकि सरकार में बैठे थे अखिलेश यादव, और उनकी सरकार के वक़्त मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए, वोट बैंक की राजनीती के लिए गैर क़ानूनी कामो की भी छूट दे दी गयी
राज्य भर में ऐसे कत्लखाने गैर क़ानूनी तरीके से चलते रहे क्योंकि खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का
इन कत्लखानो को संरक्षण रहा
आपको यहाँ एक और बात फिर से याद दिलवाना चाहते है की यूपी गौहत्या क़ानूनी जुर्म है
अख़लाक़ और उसके परिवार ने गौहत्या की थी, इस अपराध के बाद भी अखिलेश यादव ने
अपराधियों को 45 लाख रुपए और 4 फ्लैट नौकरियां दी
सिद्ध होता है की, अखिलेश यादव के राज में कानून की धज्जियाँ खुद मुख्यमंत्री उड़ा रहे थे, वोटबैंक और मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए
अब योगी जी आये है, और अब यूपी में कानून का राज कायम किया जा रहा है
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