
शरिया कानून वाले अनेक मुस्लिम देशों ने तीन तलाक पर बैन लगाया है, जिनमे अफगानिस्तान भी शामिल है
पर भारत में कट्टरपंथी मुस्लिम तीन तलाक और हलाला को अल्लाह और कुरान का आदेश
बता रहे है, साफ़ है की तीन तलाक और हलाला ये ख़त्म नहीं होने देना चाहते, चूँकि हलाला का बाकायदा पूरा व्यापार मुल्ला मौलवियों द्वारा चलाया जाता है, खैर
अब इसी मुद्दे पर लेखिका और विचारक और स्वयं मुस्लिम महिला तस्लीमा नसरीन ने भी बड़ा बयान दिया है
सबसे पहले उनका ट्वीट देखिये, उसके बाद हम तफ्सील से उनकी बात बताएँगे

तस्लीमा नसरीन ने कहा है की, न केवल मुस्लिम पुरुष बल्कि खुद अल्लाह और कुरान भी महिलाओं के साथ भेदभाव करता है
तलाक देने का हक़ सिर्फ पुरुष को ही है, महिला को नहीं
और जन्नत में भी 72 हूरें सिर्फ पुरुषों के लिए है, महिलाओ को अल्लाह कुछ नहीं देता
तस्लीमा नसरीन ने कहा की, अगर कोई मुस्लिम पुरुष जिहाद कर रहा है तो अल्लाह उसे 72 हूरें, गिलमा शराबी नदी देता है, पर मुस्लिम महिला को किसी भी प्रकार के जिहाद के बदले कुछ नहीं मिलता
आपको ये भी बता दें की इस से पहले भी तस्लीमा नसरीन ने भेदभाव के खिलाफ कड़ा बयान देते हुए कहा था की, अल्लाह महिलाओं को जन्नत में कुछ नहीं देता पुरुषों को 72 हूरें देता है
इसलिए मुस्लिम महिलाओं को ये अधिकार है की वो धरती पर ही 72 पुरुषों से सम्बन्ध बनाये
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