धन की देवी माँ लक्ष्मी के बारे में तो आप सभी जानते है ! पर आज हम आपको माँ लक्ष्मी के पूजन की आसान
विधि बता रहे है ! अगर आप माँ लक्ष्मी की पूजा इस विधि से करेगे तो माँ आप पर जरुर प्रसन्न होगी -
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सामग्री -
# देव मूर्ति के स्नान के लिए तांबे का पात्र, तांबे का लोटा, जल का कलश, दूध, देव मूर्ति को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र व आभूषण। चावल, कुमकुम, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, अष्टगंध। गुलाब के फूल। प्रसाद के लिए फल, दूध, मिठाई, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, शक्कर, पान, दक्षिणा में से जो भी हो !
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सकंल्प -
# किसी विशेष मनोकामना के पूरी होने की इच्छा से किए जाने वाले पूजन में संकल्प की जरूरत होती है। निष्काम भक्ति बिना संकल्प के भी की जा सकती है !
# पूजन शुरू करने से पहले सकंल्प लें । संकल्प करने से पहले हाथों में जल, फूल व चावल लें। सकंल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें। अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें !
संकल्प का उदाहरण -
# जैसे 21/4/2015 को श्री लक्ष्मी का पूजन किया जाना है। तो इस प्रकार संकल्प लें। मैं ( अपना नाम बोलें ) विक्रम संवत् 2072 को वैशाख मास के तृतीया तिथि को मंगलवार के दिन, कृतिका नक्षत्र में, भारत देश के मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में महाकालेश्वर तीर्थ में इस मनोकामना से (मनोकामना बोलें ) श्री लक्ष्मी का पूजन कर रहा हूं !
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श्री लक्ष्मी पूजन की आसान विधि -
# किसी भी कार्य या पूजन को शुरू करने से पहिले श्री गणेश का पूजन किया जाता हैं। भगवान गणेश को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। गंध, पुष, अक्षत अर्पित करें !
# अब देवी लक्ष्मी का पूजन शुरू करें। माता लक्ष्मी की चांदी, पारद या स्फटिक की प्रतिमा का पूजन से भी उत्तम फल की प्राप्ति होती है। जिस मूर्ति में माता लक्ष्मी की पूजा की जानी है। उसे अपने पूजा घर में स्थान दें। मूर्ति में माता लक्ष्मी आवाहन करें। आवाहन यानी कि बुलाना। माता लक्ष्मी को अपने घर बुलाएं !
# माता लक्ष्मी को अपने अपने घर में सम्मान सहित स्थान देें। यानी कि आसन दें। अब माता लक्ष्मी को स्नान कराएं। स्नान पहले जल से फिर पंचामृत से और वापिस जल से स्नान कराएं !
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# माता लक्ष्मी को अपने अपने घर में सम्मान सहित स्थान देें। यानी कि आसन दें। अब माता लक्ष्मी को स्नान कराएं। स्नान पहले जल से फिर पंचामृत से और वापिस जल से स्नान कराएं !
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# अब माता लक्ष्मी को वस्त्र अर्पित करें। वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं। अब पुष्पमाला पहनाएं। सुगंधित इत्र अर्पित करें। अब कुमकुम तिलक करें। अब धूप व दीप अर्पित करें। माता लक्ष्मी को गुलाब के फूल विशेष प्रिय है। बिल्वपत्र और बिल्व फल अर्पित करने से भी महालक्ष्मी की प्रसन्नता होती है !
# 11 या 21 चावल अर्पित करें। श्रद्धानुसार घी या तेल का दीपक लगाएं। आरती करें। आरती के पश्चात् परिक्रमा करें। अब नेवैद्य अर्पित करें। महालक्ष्मी पूजन के दौरन " ऊँ महालक्ष्मयै नमः " इस मंत्र का जप करते रहें !
# 11 या 21 चावल अर्पित करें। श्रद्धानुसार घी या तेल का दीपक लगाएं। आरती करें। आरती के पश्चात् परिक्रमा करें। अब नेवैद्य अर्पित करें। महालक्ष्मी पूजन के दौरन " ऊँ महालक्ष्मयै नमः " इस मंत्र का जप करते रहें !
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