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अपने अल्लाह का कोई सबूत नहीं कट्टरपंथी मुल्लों के पास, पर दूसरों धर्मो से मांगते है सबूत



कट्टरपंथी किस्म के मुल्ले आजकल श्री राम के होने न होने का सबूत मांग रहे है 
वैसे ये वही लोग है, जिनके पूर्वजो ने जान बचाने की खातिर अरबी मजहब अपना लिया था, और ये आज अरबी मालिकों को खुश करने के  लिए उनसे भी अधिक जिहादी होने का दिखावा करते है, ताकि साबित कर सके की ये असली मुसलमान है

*  इन सबके बाबजूद सऊदी अरब में भारतीय मुस्लिमो को "अल हिंदी मसकीन" कहा जाता है 
यानि लो ग्रेड के धर्मान्तरित मुस्लिम, खैर 

एक बार इस्लामिक धर्मगुरु ज़ाकिर नाइक से एक सभा में एक महिला ने ही पूछा की, अल्लाह को "ही कहें या शी" मतलब अल्लाह नर है या मादा ?

इसके जवाब में इस्लामिक धर्मगुरु और साथ ही साथ आतंकी ज़ाकिर नाइक ने महिला को गोलमोल जवाब देते हुए कहा की, ऐसा कुछ कहा नहीं जा सकता क्योंकि कुरान में ऐसा बताया तो नहीं है 
पर आम बोलचाल की भाषा में अल्लाह को "ही" कहा जाता है, तो अल्लाह को आप नर ही समझिये 

मतलब इस्लाम और कुरान को पता ही नहीं की अल्लाह नर है या मादा, या क्या है और कहा है 

इन कट्टरपंथियों को खुद के अल्लाह का कुछ 
भी नहीं पता, ये अल्लाह तो छोड़िये खुद के पूर्वजो का सबूत नहीं दे सकते, पर दूसरे धर्म के लोगों से 
इनको सबूत चाहिए 
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