आजकल फ़तवे देने का जैसे फ़ैशन ही चल पड़ा है , किसी की औक़ात हो या ना हो फ़तवे जारी कर देता है अभी सोशल मीडिया पर आ रही ख़बरों और एक निजी वेबसाइट के अनुसार जी न्यूज़ के साहसिक पत्रकार रोहित सरदाना के ख़िलाफ़ 150 से ज्यादा फतवे जारी कर दिए गए हैं ।
हालाँकि हम सोशल मीडिया की इस ख़बर की पुष्टि नहीं करते हैं क्यूँकि सोशल मीडिया में आ रही हर ख़बर को सही नहीं मान सकते , लेकिन अगर सचमुच फ़तवे जारी किए गए हैं तो हम इसका कड़ा विरोध करते हैं ।
बता दें कि डिबेट में मौलवी ने भगवान राम के जन्म स्थान पर एतराज़ जताया था तो रोहित ने पूछा था क्या आपको अल्लाह का जन्म स्थान पता है और इस पर अब फ़तवों की बरसात शुरू हो गयी है लेकिन देखा जाए तो इन फ़तवों से अब किसी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता क्यूँकि ये रोज़ की बात हो गयी है और अजीबो ग़रीब फ़तवे जारी किए जाने लगे हैं ।
अब रोहित सरदाना से जब कोई भगवान राम के जन्म स्थान के बारे में पूछने का हक़ रखता है तो ये हक़ रोहित सरदाना का भी है कि वे अल्लाह के जन्म स्थान के बारे में पूछ लें , ऐसा तो है नहीं कि मौलवियों को बोलने की आज़ादी है और रोहित सरदाना को बोलने की आज़ादी नहीं है ।
अगर अल्लाह मुस्लिमों के लिए पूजने लायक हैं तो भगवान राम हिन्दुओं के लिए ठीक वैसी ही आस्था रखते हैं , क़ानून तो सबके लिए एक सामान है , तो क्या इन फ़तववीरों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी करवाई नहीं की जानी चाहिए ? आपका क्या मत है ?
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