पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रवि शास्त्री ने भारत के टॉप क्रिकेटरों की सैलरी में भारी इजाफे की कथित मांग को वाजिब बताया है. इसके साथ ही उन्होंने बीसीसीआई द्वारा हाल में भुगतान राशि में की गई बढ़त को बेहद कम करार दिया.
बता दें कि बीसीसीआई ने पिछले महीने ए, बी और सी वर्ग के अनुबंधों की राशि दोगुनी करते हुए दो करोड़, एक करोड़ और 50 लाख रुपये कर दी थी. बोर्ड ने टेस्ट मैच, वनडे इंटरनेशनल और इंटरनेशनल टी20 के लिए भी मैच फीस बढ़ाकर क्रमश: 15 लाख, छह लाख और तीन लाख रुपये कर दी.
हालांकि शास्त्री ने इस नई सैलरी से खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा, यह (जो उन्हें मिल रहा है) कुछ भी नहीं है, दो करोड़ रुपये मामूली है. आप देखें ऑस्ट्रेलियाई (क्रिकेटर) को कितने पैसे मिल रहे हैं.
आईपीएल में किसी फ्रेंचाइजी से कॉन्ट्रैक्ट नहीं करने वाले चेतेश्वर पुजारा का उदाहरण देते हुए शास्त्री ने कहा कि बीसीसीआई को सुनिश्चित करना चाहिए कि सौराष्ट्र का यह खिलाड़ी इस टी-20 लीग का हिस्सा नहीं बनने को लेकर चिंतित नहीं हो.
भारतीय टीम के पूर्व निदेशक शास्त्री ने कहा, टेस्ट खिलाड़ी का ग्रेड अनुबंध सर्वोच्च होना चाहिए. पुजारा टॉप पर होना चाहिए, अन्य चोटी के खिलाड़ियों के बराबर. आपका ए ग्रेड का अनुबंध भारी भरकम होना चाहिए. उन्होंने कहा, यह सर्वश्रेष्ठ ग्रेड है, जहां पुजारा जैसे ए ग्रेड के खिलाड़ी को भारी भरकम राशि मिलती है और वह आईपीएल में खेलने या नहीं खेलने को लेकर चिंतित नहीं होता. वह खुश होना चाहिए और उसे कहना चाहिए कि मैं देश के लिए दो महीने खेल सकता हूं और फिर जा सकता हूं (इंग्लैंड).
बता दें कि इससे पहले इस तरह की खबरें आई थी कि भारतीय खिलाड़ी ग्रेड-पे में इजाफे से नाखुश हैं , क्योंकि इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के उनके समकक्ष क्रिकेटरों को उनके बोर्ड कहीं अधिक राशि दे रहे हैं.
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