
दैनिक भारत और सुरेश चव्हाणके जैसे राष्ट्रवादी लोग जब सच्चाई कहते है, तो सेक्युलर तत्व उसे नफरत फैलाना बता देते है, ये सेक्युलर तत्व सच्चाई को भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है
और ये सच्चाई बताने वालो को सांप्रदायिक बता देते है, खैर
दैनिक भारत और राष्ट्रवादी लोग कभी इन सेक्युलर तत्वों की परवाह नहीं करते, वो अपना काम कर रहे है, और हम अपना, जीत तो आखिरकार सत्य की ही होनी है
आपने इन सेक्युलरों के मुँह से ही कई बार सुना होगा एक शब्द "संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाका"
ये वो इलाके होते है जहाँ पर मुस्लिम जनसँख्या अधिक हो
इन तमाम इलाकों को खुद सेक्युलर तत्व ही अति संवेदनशील इलाका बताते है
अभी पिछले दिनों जब नरेन्द्र मोदी बनारस में रोड शो कर रहे थे, तो जैसे ही मोदी मुस्लिम बहुल इलाके में पहुंचे, इन्ही मीडिया वालो ने दर्शको को बताया की, मोदी अति संवेदनशील इलाके में पहुँच गए है
सुदर्शन न्यूज़ के मालिक और मशहूर राष्ट्रवादी पत्रकार सुरेश चव्हाणके ने भी इसपर आज बयान दिया और तर्क के साथ उन्होंने अपनी बात कही, जो की सच्चाई है
सुरेश चव्हाणके ने कहा की, भारत के हज़ारों शहरों में, लाखों गाँव में हिन्दुओ की आबादी 90% या उस से अधिक है, पर उसमे से 1 भी इलाके को कभी अति संवेदनशील तो क्या संवेदनशील भी नहीं कहा जाता
वहीँ किसी इलाके में मुस्लिम आबादी बस 30% ही हो जाये, तो उस इलाके को अति संवेदनशील बताना पड़ता है, वो इसलिए क्योंकि जैसे ही कहीं मुस्लिम आबादी ज्यादा हो जाती है
वो इलाका खतरनाक हो जाता है
सुरेश चव्हाणके ने कहा की भारत के सेक्युलर तत्व केवल सच्चाई से दूर भाग रहे है, पर वो सच्चाई से तो दूर भाग सकते है, पर सच्चाई को कभी नकार नहीं सकते, सेक्युलर तत्वों को ये स्तिथि समझनी होगी
अन्यथा ये उन्ही के लिए घातक सिद्ध होगी
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