
भारत में पुरानी कहावत है की, कुकर्मो का फल मरने के बाद नरक में तो मिलता ही है
पर इसी जीवन में भी थोड़े बहुत फल मिल जाते है, हालाँकि मुलायम यादव के कुकर्म तो ऐसे थे, की उस टाइप के फल इनको अभी तक मिले नहीं है
पर जिस पुत्र को इन्होंने मुख्यमंत्री बनाया, उसने ही इन्हें कहीं का नहीं छोड़ा, और ये बात स्वयं मुलायम ने ही 1 अप्रैल 2017 को कही
मुलायम ने अखिलेश पर कहा की, "जो अपने बाप का नहीं हुआ, वो किसी और का क्या होगा, मेरा बहुत अपमान हुआ है"
मुलायम ने स्वीकार किया की बेटे ने उनको धोखा दिया, उनका अपमान किया
खैर, ये तो होना ही था, बहुत लोग जानते होंगे पर नए नवेले लोग नहीं जानते होंगे की मुलायम को यूपी ही नहीं पुरे देश में "मुल्ला मुलायम" के नाम से भी जाना जाता था
मुस्लिम तुष्टिकरण मुलायम ने जैसी की वो अपने आप में मिसाल रही, मुस्लमान मुलायम को "मुल्ला मुलायम" कहा करते थे, इन्होंने रामभक्तों तक का क़त्ल करवाया, और बार बार कहा की, मस्जिद बचाने के लिए हज़ारों हिन्दुओ को मरवाना पड़ता तो भी मरवा देता
खैर, मुलायम ने पुरे जीवन भर मुस्लिम तुष्टिकरण किया, जाहिर सी बात है की मुलायम का उठना बैठना भी मुस्लिमो के साथ ही हुआ, मुस्लिमो का मुलायम के घर आना जाना रहा, और बचपन से भी यही सब
अखिलेश यादव ने भी देखा, मुल्ला मुलायम का बेटा भी मुल्ला अखिलेश ही हुआ
और ऐसे शख्स को जिसने रामभक्तों का बेरहमी से क़त्ल करवाया, उसे बुढापे में यही तो देखना था
अब मुलायम को श्री राम जैसा आज्ञाकारी पुत्र थोड़ी मिलना था, मुलायम जैसों को तो औरंगजेब जैसा पुत्र ही मिला करता है, मुलायम को तो शुक्र ये मनाना चाहिए की आज लोकतंत्र है, अन्यथा इनका औरंगजेब यानि अखिलेश इनको भी काल कोठरी में डाल कर मार डालता
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