
लखनऊ: किसानों को भरोसा है कि अपने घोषणा पत्र में बीजेपी ने कर्जमाफी का जो वादा यूपी के किसानों से किया है उसे सीएम योगी जरूरत पूरा करेंगे. अगर ऐसा हुआ तो किसानों को अब तक मिली सबसे बड़ी मदद होगी.
क्या कहते हैं गोरखपुर में उचगांव के किसान
गोरखपुर के उचगांव में रहने वाले किसान रामकेश पांडे और हरीशचंद्र के पास करीब दो-दो एकड़ ज़मीन है. खेती के अलावा इनके पास आय को की दूसरा साधन नहीं है. रामकेश पांडे पर 1.5 लाख का कर्ज है तो हरीशचंद्र पर 1.10 लाख का. यूपी कैबिनेट की आज होने वाली बैठक का इन्हें बेसब्री से इंतज़ार है क्योंकि इन्हें लगता है कि अगर कर्जा माफ हो गया तो इनकी ज़िंदगी सुधर जाएगी.

क्या कहते हैं बाराबंकी के किसान

अब चूंकि गोरखपुर तो सीएम योगी की कर्मक्षेत्र है इसलिए लोगों को ज्यादा उम्मीदें हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि राज्य के दूसरे इलाकों में मौजूद किसानों को सीएम योगी से कम उम्मीदें हैं. बाराबंकी के किसानों को भी कर्जमाफी की उम्मीद है, क्योंकि कभी मौसम की मार तो कभी जंगली जानवरों के उत्पात की वजह से फसलें खराब हो जाने से हर साल नुकसान होता है.
सुशील कुमार नाम के एक शख्स के पास करीब 3 बीघा ज़मीन है और उन्होंने 1 लाख का कर्ज ले रखा है. इन्हें कर्जमाफी की उम्मीद बेहद कम है, वहीं रमेश कुमार के मुताबिक कर्ज माफी सरकार का एक अच्छा फैसला साबित होगा.
क्या कहते हैं मुरादाबाद के मुस्लिम किसान

मुरादाबाद के मुस्लिम किसान भी योगी आदित्यनाथ से आस लगाए बैठे हैं. कल्लू और निसार का पूरा परिवार खेती पर निर्भर है. छोटे किसान हैं और खाने वाले ज्यादा इसिलिए योगी सरकार से उम्मीद लगाये हुए हैं कि वो अपना वादा पूरा करेंगे और किसानो को कर्ज के बोझ से निजात मिलेगी.
क्या कहते हैं वाराणसी के किसान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसानों की नज़रें भी आज योगी सरकार की कैबिनेट बैठक पर टिकी हुई हैं. यहां भी ज्यादातर किसानों ने केसीसी यानि किसान क्रेडिट कार्ड के ज़रिए बैंकों से लोन लिया हुआ है. फसलों की जैसी उम्मीद ये करते हैं वैसी फसल आती नहीं है, क्योंकि गर्मी, आंधी, ओला, बारिश का हमला फसलों पर होता ही रहता है. इनके मुताबिक अगर सीएम योगी उनका कर्जा माफ कर देते हैं तो यूपी सरकार का ये अब तक का सबसे अच्छा फैसला होगा.
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