वो देश के अन्नदाता हैं लेकिन दिल्ली के सियासी गलियारों के बीचों-बीच नेताओं और मीडिया की नजर-ए- इनायत के लिए तरस रहे हैं. जंतर-मंतर में तमिलनाडु के किसान पिछले 38 दिनों से अपने दर्द की ओर ध्यान खींचने के लिए दिल दहलाने वाली कोशिशें कर चुके हैं और शनिवार को उन्हें मानव मूत्र पीकर विरोध जताने की धमकी दी है. किसानों का कहना है कि अगर उनकी अब भी नहीं सुनी गई तो वो रविवार को मानव मल खाने की हद भी पार करेंगे.
विरोध जो देखा ना सुना..
पिछले एक महीने से ज्यादा अरसे में ये किसान नग्न प्रदर्शन से लेकर चूहे खाने और सांप को मुंह में रखने जैसे तरीके अपना चुके हैं. वो आत्महत्या कर चुके किसानों की खोपड़ियां भी साथ लेकर आए हैं. इरादा सिर्फ इतना है कि देश के कर्णधार और मीडिया के लोग इन्हें तवज्जो दें. लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है.
पिछले एक महीने से ज्यादा अरसे में ये किसान नग्न प्रदर्शन से लेकर चूहे खाने और सांप को मुंह में रखने जैसे तरीके अपना चुके हैं. वो आत्महत्या कर चुके किसानों की खोपड़ियां भी साथ लेकर आए हैं. इरादा सिर्फ इतना है कि देश के कर्णधार और मीडिया के लोग इन्हें तवज्जो दें. लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है.
यह भी पढ़े -अभी -अभी :जम्मू-कश्मीर में बढऩे लगे राष्ट्रपति शासन के आसार !इस महीने के अंत तक फैसला मुमकिन...
लिहाजा आज वो प्लास्टिक की बोतलों में मानव मूत्र लेकर बैठे हैं. एक आंदोलनकारी किसान ने मीडिया से कहा, 'हमें तमिलनाडु में पीने को पानी नहीं मिल रहा है. पीएम मोदी हमारी प्यास को नजरअंदाज कर रहे हैं. इसलिए हमारे पास अपना मूत्र पीने के अलावा और कोई चारा नहीं है.'
यह भी पढ़े -अभी -अभी :यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की जान को खतरा !कमांडो के साथ अब QRT टीम के घेरे में रहेगे...
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने माना था कि किसानों की हालत वाकई बेहद चिंताजनक है. अदालत के मुताबिक ऐसे स्थितियों में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों का ख्याल रखे. कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है. इसके साथ ही मामले में गोपाल शंकरनारायण को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है.
13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने माना था कि किसानों की हालत वाकई बेहद चिंताजनक है. अदालत के मुताबिक ऐसे स्थितियों में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों का ख्याल रखे. कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है. इसके साथ ही मामले में गोपाल शंकरनारायण को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है.
समर्थन में जुटे सियासत और सिनेमा के सितारे
वहीं, जंतर-मंतर पर किसानों के समर्थन में कई नेता और दक्षिण भारतीय सिनेमा के सितारे पहुंचे हैं. राहुल गांधी के अलावा मणिशंकर अय्यर और डीएमके सांसद कनिमोझी किसानों से मिल चुकी हैं. भारतीय किसान यूनियन ने भी इस आंदोलन के समर्थन का ऐलान किया है.
वहीं, जंतर-मंतर पर किसानों के समर्थन में कई नेता और दक्षिण भारतीय सिनेमा के सितारे पहुंचे हैं. राहुल गांधी के अलावा मणिशंकर अय्यर और डीएमके सांसद कनिमोझी किसानों से मिल चुकी हैं. भारतीय किसान यूनियन ने भी इस आंदोलन के समर्थन का ऐलान किया है.
यह भी पढ़े -बॉक्स ऑफिस पर अजय-आमिर से नहीं टकराना चाहते रजनीकांत !फिल्म ‘2.0’ की रिलीज डेट बदली अब 25 जनवरी को होगी रिलीज
क्या चाहते हैं किसान?
तमिलनाडु के किसान इन दिनों भयंकर सूखे का सामना कर रहे हैं. दक्षिण-पश्चिमी मानसून और पूर्वोत्तर मानसून सामान्य से 60 फीसदी बरसा है. ऐसे में कर्ज का बोझ उनकी जिंदगी को और कठिन बना रहा है. किसानों का आरोप है कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है. वो कर्ज माफी के साथ राहत पैकेज की भी मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को किसानों का कर्ज माफ करने का निर्देश दिया है.
तमिलनाडु के किसान इन दिनों भयंकर सूखे का सामना कर रहे हैं. दक्षिण-पश्चिमी मानसून और पूर्वोत्तर मानसून सामान्य से 60 फीसदी बरसा है. ऐसे में कर्ज का बोझ उनकी जिंदगी को और कठिन बना रहा है. किसानों का आरोप है कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है. वो कर्ज माफी के साथ राहत पैकेज की भी मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को किसानों का कर्ज माफ करने का निर्देश दिया है.
0 comments: