लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोज 18 से 20 घंटे कार्य करके राज्य सरकार के आला अधिकारियों को कठिन परिश्रम का साफ संदेश दे दिया है. अभी सरकार बने महीना भर नहीं हुआ है लेकिन राज्य की नौकरशाही को संभवत: समझ आ चुका है कि उन्हें देर रात भी तलब किया जा सकता है. मुख्यमंत्री बनते ही योगी ने साफ शब्दों में अधिकारियों को संकेत दिया था कि जो हर रोज 18 से 20 घंटे काम करने के लिए तैयार नहीं हैं, वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं.
किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं
योगी गोरखपुर से सांसद रह चुके हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर गये तो कड़ा संदेश दिया, ‘‘सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जो अधिकारी रोज 18 से 20 घंटे काम करने को तैयार हैं, सरकार में काम कर सकते हैं अन्यथा वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं.’’
एक दिन में चार से छह विभागों के कामकाज पर चर्चा
मुख्यमंत्री ने विभागों की समीक्षा शुरू कर दी और राज्य सरकार के विभागों की ओर से प्रस्तुतिकरण का दौर शुरू हुआ. योगी और उनके कैबिनेट सहयोगियों की विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक देर रात तक चलती है. एक दिन में चार से छह विभागों के कामकाज पर चर्चा होती है और ये चर्चा देर रात तक चलती है.
जल्द ही सामान्य हो जाएगा सरकार का कामकाज
कुछ नौकरशाहों का मानना है कि जल्द ही सरकार का कामकाज सामान्य हो जाएगा लेकिन जिन्हें इस वास्तविकता का अहसास है कि योगी स्वयं सुबह तीन बजे उठ जाते हैं. पूजा अर्चना करते हैं. योग करते हैं और फिर जनता से मुलाकात और सामान्य कामकाज शुरू होता है जो किसी भी सूरत में रात 11 बजे से पहले कभी नहीं खत्म होता.
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