
राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने मध्य प्रदेश के बैतूल की भाजपा सांसद ज्योति धुर्वे के जाति प्रमाणपत्र को फर्जी करार दिया है।
भोपाल । जाति प्रमाणपत्र की जांच के लिए गठित राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने मध्य प्रदेश के बैतूल की भाजपा सांसद ज्योति धुर्वे के जाति प्रमाणपत्र को फर्जी करार दिया है। समिति ने बैतूल कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि सांसद का प्रमाणपत्र निरस्त कर कानूनी कार्रवाई की जाए।
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अंतिम नोटिस पर एक अप्रैल 2017 को समिति के समक्ष सुनवाई के लिए पहुंचीं सांसद आदिवासी होने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं कर पाई। हालांकि, सांसद समिति के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकती हैं। समिति की सचिव दीपाली रस्तोगी ने निर्देशों में लिखा है कि सांसद धुर्वे खुद और अपने पिता के गोंड जाति से होने के प्रमाण नहीं दे सकीं।
उनके सभी दस्तावेजों में पिता की जगह पति प्रेम सिंह धुर्वे का नाम लिखा है। गौरतलब है कि धुर्वे के खिलाफ बैतूल सीट से चुनाव मैदान में उतरे निर्दलीय प्रत्याशी शंकर पेंदाम ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में शिकायत की थी।
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खत्म हो सकती है सदस्यता
पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल अजय मिश्रा कहते हैं कि जिस जाति प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षित सीट से वह चुनाव लड़ी हैं, वही निरस्त हो गया तो संसद की सदस्यता खत्म हो जाएगी। अब सांसद पर धोखाधड़ी का मुकदमा चलना चाहिए। अभी तक सांसद रहते हुए लिए गए आर्थिक लाभ की रिकवरी भी होनी चाहिए। मिश्रा बताते हैं कि सांसद चाहें, तो इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जा सकती हैं।
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