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अगर आप बुधवार को करे गणेशजी की पूजा - तो दूर होंगे सारे विघ्न...

Image result for भगवान गणेश को पत्ते चढ़ाएं और हर परेशानी को दूर करें
# बुधवार विघ्नहर्ता गणेशजी की भक्ति से विघ्ननाश का शुभ दिन माना जाता है। चूंकि पुराणों में गणेशजी की भक्ति शनि सहित सारे ग्रहदोष दूर करने वाली भी बताई गई हैं, कर्म के प्रति लगन व समर्पण की कमी लाने वाले ऐसे विचारों से बचने और कार्य व धर्म पालन में तालमेल लाने के लिए ही शास्त्रों में कुछ विशेष अवसरों पर कई ऐसे आसान देव पूजा उपाय भी उजागर किए गए हैं, जो कई परेशानियों का भी अचूक हल माने जाते हैं।
इसलिए हर बुधवार के शुभ दिन गणेशजी की उपासना से सुख-सौभाग्य बढ़ाने व काम की रुकावटे दूर करने वाले यहां बताए जा रहे ये छोटे-छोटे उपाय करना न चूकें -
# लक्ष्मी कृपा के लिए उपाय -
# शास्त्रों में एक ऐसी आसान गणेश स्तुति भी बताई गई है, जिसका स्मरण धूप या दीप लगाकर सुबह के वक्त बोलना कार्य व मनोरथसिद्धि के साथ लक्ष्मीकृपा देने वाला माना गया है। जानिए यह गणेश मंत्र स्तुति व उपाय कैसे करें -
# स्नान के बाद कार्य पर जाने से पहले घर के देवालय या किसी गणेश मंदिर में हाथ जोड़कर धूप या दीप बत्ती लगाकर यह गणेश मंत्र स्तुति बोलें -
गणाधिप नमस्तुभ्यं सर्वविघ्रप्रशन्तिद्। उमानन्दप्रज्ञ प्राज्ञ त्राहि मां भवसागरात्।।
हरानन्दकर ध्यानज्ञानविज्ञानद प्रभो। विघ्रराज नमस्तुभ्यं सर्वदैत्यैकसूदन।।
सर्वप्रीतिप्रद श्रीद सर्वयज्ञैकरक्षक। सर्वाभीष्टप्रद प्रीत्या नमामि त्वां गणाधिप।।
# सरल अर्थ है कि - भगवान गणेश को नमस्कार है। सभी विघ्रों को शांतिकर्ता, बुद्धिमान और जीवन रूपी भवसागर से तारने वाले, मां पार्वती को सुख देने वाले मेरा कल्याण करे, जिनको देख शिव भी आनंदित होते हैं, दानवों के नाशक, अपने भक्त को ज्ञान-विज्ञान, कृपा और लक्ष्मी कृपा करने वाले, कामनासिद्धि करने वाले विघ्रहर्ता को मेरा हृदय से नमस्कार है।
परेशानियां व संकट दूर करने का उपाय - 
# सुबह स्नान कर गणेश मंदिर में भगवान गणेश की पूजा में गंध, अक्षत, पीले फूल, पीले वस्त्र, दूर्वा, सिंदूर और मोदक का भोग अर्पित कर नीचे लिखे गणेश मंत्र का ध्यान करें -
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम्।।
# इसमें भगवान गणेश के बारह नामों का स्मरण है। संस्कृत भाषा पढ़ने में असुविधा होने पर - गणपूज्य, वक्रतुण्ड, एकदंष्ट्र, त्रियम्बक (त्र्यम्बक), नीलग्रीव, लम्बोदर, विकट, विघ्रराज, धूम्रवर्ण, भालचन्द्र, विनायक और हस्तिमुख, ये 12 गणेश नाम भी बोल कर भी पूजा की जा सकती है।
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