# भगवान श्री कृष्ण के बारे में तो हम सब जानते है ! पर शायद श्री कृष्ण ने राजा मोरध्वज की परीक्षा ली ये बात बहुत कम लोग जानते है ! आज हम आपको बतायेगे श्री कृष्ण ने राजा मोरध्वज की परीक्षा कैसे ली -
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# छत्तीसगढ़ की राजधानी से 30 किलोमीटर दूर हाईवे आरंग नाम का एक कस्बा है। पुराणों के अनुसार महाभारत के समय यह राजा मोरध्वज की राजधानी हुआ करती थी। इस नगर की पहचान एक समृद्ध नगर के रूप में चारों ओर थी। पुराणों में विवरण है कि राजा मोरध्वज की राजधानी का नाम आरंग क्यों पड़ा !
# एक पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत का युद्ध खत्म होने के बाद कृष्ण अपने परम भक्त मोरध्वज की परीक्षा लेना चाहते थे। उन्होंने अर्जुन से कहा कि उनका इस संसार में उनसे भी बड़ा एक भक्त है !
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# लेकिन इस बात का अर्जुन को विश्वास नहीं हुआ। तब भगवान कृष्ण ऋषि का वेश बनाकर अर्जुन को साथ लेकर मोरध्वाज के पास पहुंचे और कहा, ‘मेरा शेर भूखा है और वह केवल मनुष्य का ही मांस खाता है !
# राजा शेर के पेट भरने के लिए अपना मांस देने को तैयार हो गया तो कृष्ण ने दूसरी शर्त रखी कि उसे किसी पुरूष का मांस नहीं चाहिए एक बच्चे का मांस चाहिए। राजा ने तुरंत अपने बेटे का मांस देने को कहा !
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# लेकिन मेरी एक शर्त है कि जब आप अपने पुत्र का सिर काटकर मांस खिलाओगे, मगर इस बीच आपकी आंखों में आंसू नहीं दिखना चाहिए !
# राजा और रानी ने अपने बेटे का सिर काटकर शेर के आगे डाल दिया। तब कृष्ण ने राजा मोरध्वज को आशीर्वाद दिया जिससे उसका बेटा फिर से जिंदा हो गया। इस प्रकार अर्जुन को यह मानना पड़ा कि भगवान कृष्ण का एक भक्त उनसे भी बड़ा है !
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