नई दिल्ली - मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर सरकार ने अपना लेखा-जोखा बताया। सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीडीपी में आई कमी पर कहा कि पिछले तीन साल में वैश्विक मंदी की वजह से आर्थिक मोर्चे पर बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा कि 3 साल में 2 साल मानसून खराब रहा है।
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# जेटली ने जीडीपी की धीमी रफ्तार के लिए वैश्विक मंदी को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि भारत की जीडीपी पर वैश्विक मंदी का असर पड़ा है। जेटली ने कहा कि मोदी सरकार ने पुरानी व्यवस्था को बदलने का प्रयास किया है।
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# जेटली ने कहा कि 3 साल पहले भारत में फैसले लेने वाली सरकार नहीं थी, अब सरकार कठिन फैसले भी ले रही है, विश्व में भारत की साख मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि हमें विरासत में भ्रष्टाचार और खराब अर्थव्यवस्था मिली।
# वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार के तीन साल का लेखा-जोखा देते हुए कहा कि पहले फैसले नहीं लेने वाली सरकार थी। लेकिन अब फैसले लेने वाली सरकार आई है। जिससे पूरी दुनिया में भारत के प्रति भरोसा पैदा हुआ है।

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# जेटली ने कहा कि नोटबंदी के माध्यम से सरकार ने न्यू नॉर्मल बनाया, कैश इकॉनमी और शैडो इकॉनमी की जो व्यवस्था थी, को खत्म करने का एक बहुत बड़ा कदम उठाया गया।
# वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के 3 लाभ हुए हैं- पहला डिजिटाइजेशन की तरफ बढ़ना, टैक्सपेयर बेस में बढ़ोतरी। लोगों में एक संदेश गया कि अब कैश में डील करना अब सुरक्षित नहीं है।
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