बूढे हो या छोटे बच्चे सभी को भी चश्मा लगाना पड रहा है । जन-सामान्य में धीरे-धीरे नेत्र ज्योति कमजोर होती जाती है और बिना चश्मे के ठीक से दिखाई नहीं देता । टी. वी., कम्प्यूटर और मोबाईल के बढते इस्तेमाल के कारण आजकल आंखों की रोशनी कमजोर होना आम बात हो गई है । इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये घरेलू नुक्से -
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@ बादाम, अखरोट और नारियल के प्रयोग द्वारा :
200 ग्राम बादाम पानी में शाम को गलाकर रखदें । दूसरे दिन इसे पानी से निकालकर छिलका हटाकर इसके बारीक-बारीक टुकडे करके मोटा चूर्ण करलें, फिर 100 ग्राम अखरोट की गिरी खूब बारीक काटलें और नारियल का ताजा पीसा बूरा 100 ग्राम लेकर सबको मिलाकर एकजान करके अच्छी तरह सुखाकर बर्नी में भरकर रखदें । शाम को भोजन 8 बजे से पहले करलें । इसके 2 घंटे बाद यह मिश्रण लगभग 40-50 ग्राम मात्रा में लेकर खूब चबा चबा कर खा लें । इसके बाद पानी या दूध न पीएं सिर्फ कुल्ले करके मुंह साफ करलें । यदि दूध पीना हो तो घण्टे भर बाद या सोते समय पीएं । यह प्रयोग दो माह तक उचित दिनचर्या का पालन करते हुए करने वाले प्रयोगकर्ता का चश्मा भी छूट सकता है ।
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@ सरसों के तेल के प्रयोग द्वारा :
सोते समय रात को आंखों में सरसों का तेल काजल की तरह लगा लें । सुबह उठकर एक मग्गे में अपना ताजा स्वमूत्र ले लें और कुछ देर तक रखकर इसे ठण्डा हो लेने दें । अब इस स्वमूत्र को आई वाशिंग ग्लास में भरकर एक आंख इसमें लगाकर आंख खोलकर स्वमूत्र में आर-पार देखते हुए आंख की पुतली उपर नीचे, दांए बांए घुमाएं ताकि आंख स्वमूत्र से धूल सके । उसके बाद दूसरी आंख से भी यही क्रिया दोहराएं । ऐसे 5-5 बार दोनों आंखों को स्वमूत्र से धो लेना चाहिये । इसके बाद उस मग्गे का स्वमूत्र फेंक दें और ऊसमें ताजा ठण्डा पानी भरकर इस पानी में आंखें डुबाकर उपर नीचे, दांए बांए घुमाकर धो लें और सैर पर चले जाएं या अपने काम से लग जाएं । आप स्वयं अनुभव कर सकेंगे की आपकी नेत्र-ज्योति बढ रही है । इस उपाय से 4-5 दिन में धुंधला दिखाई देना भी बंद हो जाता है । जब-जब भविष्य में ऐसा लगे कि नजर धुंधली हो रही है तब-तब इस प्रयोग को आप दोहरा सकते हैं, वैसे तो इस प्रयोग को अपनी दिनचर्या में प्रतिदिन के लिये यदि शामिल किया जा सके तो भविष्य में नेत्र ज्योति के मन्द हो सकने की शिकायत कभी सामने आ ही नहीं पाएगी ।
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