मानसून मौसम में होने वाली त्वचा की समस्या आम बात है बारिश में संक्रमण से बचना बहुत जरूरी होता है। बारिश के मौसम में बहने वाली हवाओं में बैक्टीरिया और रोगजनित कीटाणु होते हैं। इनके संपर्क में या बारिश में भीगने, गंदा पानी, पसीना न सूखने और काफी देर तक गीला रहने पर, नमी के कारण फफूंद का संक्रमण हो जाता है। जिससे बारिश में त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न हों जाते है ऐसे में स्किन इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है और कई बार त्वचा में खुजली होने के साथ लालिमा और त्वचा का गलना जैसी समस्याएं होती हैं।
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तो चलिए जानते है केसे बचें बारिश के मोसम में होने वाली त्वचा संक्रमण से -
@ एलोवेरा के प्रयोग द्वारा :
एलोवेरा के अंदर का गूदा निकालकर किसी भी संक्रमित स्थान पर लगाना लाभकारी होता है, यह त्वचा को जलन से भी बचाता है।
@ नीम के प्रयोग द्वारा :
नीम की पत्तियों के उबले पानी से दाद को साफ करें। चक्रमर्द के बीजों को गंधक व मक्खन में मिला कर लगाएं। दाद पर छह भाग नारियल तेल और एक भाग गंधक घोट कर मलहम बना लगाएं।
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@ हल्दी के प्रयोग द्वारा :
हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है और एंटी फंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी तत्वों से भरपूर है जो संक्रमण पर तेजी से असर कर उसे समाप्त करने में अहम भूमिका निभाती है।
@ जीरा के प्रयोग द्वारा :
जीरे का दिन में 3 से 4 बार पानी के साथ सेवन करना किसी भी इंफेक्शन को समाप्त करने में मददगार है। यह विटामिन ई से भरपूर है जो त्वचा को हेल्दी बनाए रखता है।
@ लहसुन के प्रयोग द्वारा :
लहसुन में भी अत्यधिक मात्रा में एंटीबैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटरसेप्टिक तत्व होते हैं जो संक्रमण को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसे संक्रमित स्थान पर लगाना लाभकारी होगा।
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