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बच्चे के ललाट पर त्रिशूल तो कभी बन रही ॐ की आकृति..!, कुदरत का करिश्मा

विज्ञान को भी सोचने पर मजबूर कर देने वाला कुदरत का करिश्मा झारखंड में देखने को मिला। यहां एक ऐंसे बच्चे ने जन्म लिया है जिसके माथे पर त्रिशुल बना हुआ है। यह त्रिशुल भी कभी ऊं की आकृति में बदल जाता है तो कभी साथिया का रुप ले लेता है। लोग इसे भगवान का अवतार मान रहे हैं तो वहीं विज्ञान भी इसको बीमारी का नाम देने से कतरा रहा है। 10 अगस्त को जन्मा यह बालक रामगढ़ के अरूण कुंवर का पौत्र है। चर्चा है कि बच्चे के ललाट, बाजू और छाती पर प्रतिदिन बदल-बदल कर त्रिशूल, स्वास्तिक, ऊॅ, त्रिनेत्र आदि की स्पष्ट आकृति उभर जा रही है।

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बच्चे की झलक पाने के लिए आसपास के गांव के लोग रोज रामगढ़ पहुंच रहे हैं। दर्शन पाकर लोग अपने को धन्य मान रहे हैं। कोई उसे शिव तो कोई दुर्गा तो कोई विष्णु का अवतार मान रहा है। प्रतिदिन सुबह से ही अरूण कुंवर के घर इस अद्भुत बच्चे के के लिए लोगों का तांता लगा रहता है। शुक्रवार को भी उनके घर पर काफी संख्या में लोग जुटे थे। शुक्रवार को बच्चे के ललाट पर त्रिशुल की अनुकृति उभरी हुई थी। यह अनुकृति गहरे लाल रंग की है। त्वचा के अंदर से ऐसा लग रहा था कि जैसे खून जम गया हो और आकृति ऊपर की तरफ दिख रहा है। शाम होते-होते यह आकृति धूंधली पड़ने लगती है और अंधेरा होने पर यह गायब हो जाती है। दूसरे दिन फिर उसके ललाट पर दूसरी अनुकृति उभर जाती है, और लोगों की भीड़ उनके घर पर जुटने लगी है।

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अरूण कुंवर ने बताया कि बच्चे में छठी की रश्म के बाद से ही आकृति बननी शुरू हो गई थी। इसका क्या वैज्ञानिक आधार है यह तो गांव के लोग नहीं बता पा रहे हैं पर प्रतिदिन आकृति का बदल जाना लोगों को आश्चर्य में डाल रहा है।

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