नोट बंदी के बाद जिन कुछ नेताओं से देश में सबसे ज़्यादा चीख़ पुकार मचा रखी है उनमे से केजरीवाल सबसे प्रमुख हैं , वैसे तो मोदी जी की सरकार कुछ भी काम कर दें कितना भी अच्छा कर दे केजरीवाल को मोदी रोग तो लगा ही हुआ है । अब एक नए घोटाले का पर्दाफ़ाश हो रहा है और इसे देखकर आपको ये भी समझ आएगा कि आख़िर केजरीवाल और उनकी पार्टी को नोट बंदी से परेशानी क्यूँ हैं ।
बता दें कि RTI कार्यकर्ता नील हसलम ने अपने ट्वीटर अकाउंट से कुछ बड़े सनसनीख़ेज़ ख़ुलासे किए हैं उन्होंने एक विस्तार से और बड़ी बारीकी से छानबीन करके ऐक्सिस बैंक के 40 करोड़ रुपए और आम आदमी पार्टी का सम्बंध दिखाया है । पहले आप उनका ये ट्वीट पढ़ें ।
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वैसे तो नील के ट्वीट और ख़ुलासे के बाद कुछ भी लिखने को नहीं रहता पर अब थोड़ी सरल भाषा में इसे आपको समझाने की कोशिस करते हैं। कहा ये जा रहा है कि ऐक्सिस बैंक में पकड़े गये खातों में कुछ बोगस कम्पनियों का नाम है जिनकी मदद से ये खेल खेला जा रहा था । बता दें कि दिल्ली चुनाव के वक़्त आम आदमी पार्टी पर दो करोड़ रुपए लेने का आरोप लगा था और उस वक़्त छानबीन के बाद बीग़लस मार्केटिंग नाम की कम्पनी का नाम सामने आया था । चोंका देने वाली बात ये है कि इस बीग़लस कम्पनी का डायरेक्टोर एक दिहाड़ीदार मज़दूर था यानी साफ़ है कि ये कम्पनी एक बहुत बड़ा खेल था जिसके ज़रिए रक़म ली गयी थी । ये कम्पनी रामचरन नाम का मज़दूर चला रहा है । बीग़लस मार्केटिंग नाम की कम्पनी का एक CA भी है जो इसके खातों की देखरेख करता है । कम्पनी के काग़ज़ों में उसकी मेल ID rjkumar@ymail.com के नाम से दर्ज है । ये CA फ़र्म या व्यक्ति काफ़ी कम्पनियों के बही खाते देखता है जिन्मे वो चार कम्पनियाँ भी हैं जिनके ज़रिए आम आदमी पार्टी ने दो करोड़ रुपए लिए थे ।


आपको जैसा कि पता ही है ईडी ने हाल ही में ऐक्सिस बैंक की कश्मीरी गेट, दिल्ली की ब्रांच में छापा मारकर इस बैंक से जुड़े हुए बड़े घोटाले को पर्दाफ़ाश किया है । कुछ बैंक अधिकारियों पर आरोप लगा है कि वे पुराने बंद हुए नोटों को सोने के साथ बदल रहे थे । बता दें कि इस पूरे मामले में शशांक सिन्हा और विनीता गुप्ता नाम के दो अफ़सर गिरफ़्तार भी हुए हैं ये दोनो ऐक्सिस बैंक के कर्मचारी हैं । इन दोनो पर ये आरोप लगा कि इन्होंने ४० करोड़ रुपए का घोटाला किया है , इन्होंने लगभग ४० करोड़ का काला धन अलग अलग फ़र्ज़ी बैंक खातों में डालकर ऑनलाइन ट्रांसफ़र कर दी । ईडी ने इसी मामले में ११ बैंक खातों को सील भी किया हुआ है । बता दें कि २२ नवम्बर को दो लोगों के पास ये तीन करोड़ सत्तर लाख की नक़दी पकड़ी जाने के बाद ये मामला सामने आया था ।
इस फ़र्ज़ी कम्पनी बीग़लस मार्केटिंग जिसने केजरीवाल को दो करोड़ रुपए चंदा दिया था को इस घोटाले में ऑनलाइन ट्रांसफ़र के पैसे मिले हैं । जितने भी पैसे जाली खातों के ज़रिए जमा कराए जाते थे उन्हें उसी दिन इस बीग़लस मार्केटिंग कम्पनी के खाते में डाल दिया जा रहा था । बैंक मैनेजरों ने इस हेराफेरी में खुलकर साथ दिया और कुछ चार्टड अकाउंटंट भी इसमें मिले हुए थे । ये पैसे ९० लाख से लेकर ९९ लाख तक जमा कराए और बीग़लस मार्केटिंग को भेजे जाते थे ।

आशा है अब तक आपको सारी कहानी समझ आ गयी होगी कि कैसे घोटाले को अंजाम दिया गया और पैसे की लूट मचाई गयी । आपको अगर और ज़्यादा जानकारी डिटेल में चाहिए तो आप यहाँ क्लिक करके सारी जानकारी ले सकते हैं । हमारे इस लेख की सारी जानकारी का आधार भी ये लिंक ही है । आप समझ लीजिए ईमानदारी का चोला पहनकर देश को कैसे लूटा जा रहा है ।
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