
आपके स्वभाव में हमेशा ये तीन बातें होनी चाहिए. पहली है ऊर्जा हमेशा ऊर्जावान रहें. कभी आलस्य न करें. दूसरी है उत्सुकता हमेशा कार्य के प्रति उत्सुकता बनाए रखें. यदि स्वभाव नीरस हो जाएगा तो आप ठीक से काम नहीं कर पाएँगे. तीसरी बात है दया, हमदर्दी दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहें.
रोज़ थोड़ा समय भगवान की प्रार्थना पूजा पाठ के लिए भी निकाले, ध्यान करें. कुछ देर मौन बैठे. इससे मन को शांति मिलती है. पूजा से पैसों की कमी दूर होती है और देवी देवताओं की कृपा प्राप्त होती है.
आजकल अधिकांश लोग केवल कम्प्यूटर, मोबाइल गेम्स तक ही सीमित रह गए है. कोशिश करें कि कुछ गेम्स ऐसे भी खेलें जिनसे कसरत होती हो.
कभी भी ख़ुद को अधिक महान न समझे और ना ही दूसरो को मूर्ख समझे. जो भी व्यक्ति स्वयं को दूसरों से श्रेष्ठ समझता है, तो इससे घमंड की भावना जागृत होती है. ऐसे लोगों को समाज में मान सम्मान प्राप्त नहीं हो पाता हैं.
पिछले समय की ग़लतियों को पीछे छोड़कर आने वाले कल की ओर ध्यान देना चाहिए. पिछले समय में की गई ग़लतियों से शिक्षा लेनी चाहिए और वर्तमान या भविष्य में उन्हें दोहराने से बचें. अपने साथी की भी ग़लतियों को भूलकर आगे बढ़े उन्हें बार बार ग़लतियाँ याद न दिलाए.
हमेशा वाद-विवाद के चक्कर में नही उलझना चाहिए. ऐसा ज़रूरी नहीं है कि हम हर वाद-विवाद जीते कभी-कभी सही बातों पर दूसरों से भी सहमत हो जाना चाहिए.
ज़्यादा से ज़्यादा ज्ञान अर्जित करें. ज्ञान प्राप्त करने के लिए ज्ञानवर्धक किताबों की मदद ली जा सकती है. ज्ञान से ही जीवन की सभी परेशनियाँ को दूर की जा सकती है.
शोर से दूर किसी शांत एवं शुद्ध वातावरण वाले स्थान पर कम से कम दस मिनट हर रोज़ अकेले बैठे ताकि आपके मन को कुछ देर के लिए शांति मिल सके.
रोज़ सुबह या शाम कुछ देर टहलें. टहलते समय मन को शांत रखें और प्रसन्न रहें. यदि आप दिनभर काफ़ी व्यस्त रहते है और योगा करने का समय भी नहीं मिल पाता है, तो कम से कम कुछ देर टहलने का समय अवश्य निकाले. यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फ़ायदेमंद होगा
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