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द्रौपदी का कुत्तों को श्राप, कि आजतक भुगत रहे है कुत्ते !!

आज हम आपको एक बहुत ही रोचक कहानी बताने जा रहे है. ये लोक कथा बहुत ही प्रचलित है परन्तु इसका प्रमाण किसी भी धर्म ग्रन्थ में नहीं मिलता है. यह कहानी महाभारत काल की बताई जाती है. जब अर्जुन द्रौपदी को विवाह करके घर लाये थे तो माँ कुंती ने अनजाने में सभी भाइयों को ये आदेश दे दिया था कि सभी भाई मिलकर बराबर उसका उपभोग करेंगे. माता कुंती की बात का मान रखने के लिए सभी भाइयों ने द्रौपदी से विवाह किया था. पांडवों में यह भी निर्धारित हुआ था कि प्रत्येक वर्ष किसी एक ही पांडव के साथ अपना समय व्यतीत करेंगी. और जो भी इसका उल्लंघन करेगा उसकी कड़ी सज़ा ये होगी कि अपराधी को तुरंत ही एक वर्ष के लिए वनवास जाना होगा.
और जब द्रौपदी किसी पांडव के साथ कक्ष में समय व्यतीत कर रही हो तो किसी दूसरें पांडव का आना वर्जित था. इसी दौरान कुछ ऐसी घटना घटित हुई जिसकी वजह से कुत्तों को यह श्राप मिला की उनको सहवास करते समय पूरी दुनिया देखेगी. आज हम आपको इसी कहानी के बारे में बता रहे है जिससे आप आजतक अनजान थे. द्रौपदी ने गुस्से में कुत्तों को क्यों और ऐसा क्या श्राप दे दिया कि आजतक कुत्ते उसका फल भुगत रहे है.

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