नई दिल्ली। Charlotte और उनके पति Attila को यकीन नहीं हुआ जब उन्हें अपनी बच्ची की हालत की जानकारी मिली। इनकी बेटी एवलिन अधूरे दिमाग और पतली नसों के साथ पैदा हुई थी। नसों के पतला होने के कारण वह खुद से कभी सांस नहीं ले सकती थी और इसी कारण एवलिन की सर्जरी भी नहीं हो सकती थी।
कुछ दिन वेंटीलेटर पर रहने के बाद एवलिन ने जब अपनी आखिरी सांस ली तो उसके बाद उन्हें हॉसपाइस में रख दिया गया। हॉसपाइस एक तरह का हॉस्पिटल है जहां ऐसे लोगों की देखभाल की जाती है जो काफी ज्यादा बीमार होते हैं।
दोनों माता-पिता ने हॉसपाइस में अपनी बेटी के साथ कुछ दिन भी बिताए। वे दोनों उसके साथ खेलते भी थे और उसे शाम को घुमाने भी ले जाते थे। बच्ची को ठंडा कोट पहनाया गया था ताकि शरीर को नुकसान ना पहुंचे।
Charlotte और Attila अंतिम संस्कार से पहले अपनी बेटी को घर भी लेकर आए। यह बात सभी को अजीब लगेगी कि कोई भला कैसे अपनी मृत बेटी के साथ समय बिता सकता है लेकिन Charlotte का कहना है कि उन्हें इससे काफी मदद मिली।
दोनों अब इसके लिए जागरुकता फैलाना चाहते हैं। डॉक्टर्स का भी कहना है कि अपने बच्चे के साथ समय बिताने से मां-बाप को बच्चे की मौत का गम कम करने में मदद मिलती है।
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