
नई दिल्ली। इसमें कोई शक नहीं कि बेडरुम घर का वह स्थान होता है, जहां व्यक्ति आराम करता है और काम के बाद अपना ज्यादातर समय बिताता है। लेकिन कई बार ऐसा महसूस होता है कि अपने बेडरुम में अच्छी नींद नहीं आयी। कई बार सुबह उठने पर भी नींद पूरी नहीं हो पाती है और ताजगी का एहसास नहीं हो पाता है। तो इसका साफ मतलब है कि बेडरुम में नेगेटिव एनर्जी की मात्रा पॉजिटिव एनर्जी से ज्यादा है। नेगेटिव एनर्जी को खत्म करने के लिए ये वास्तु टिप्स अपनाएं....
- बेडरुम कभी भी पूरी तरह से क्लोज्ड यानी बंद नहीं होना चाहिए।
- ताज़ी हवा आने के लिए कमरे में एक उपयुक्त खिड़की अवश्य होनी चाहिए।
- बेडरुम में झूठे बर्तन बहुत अधिक समय तक रखना अच्छा नहीं माना गया है।
- बेडरुम में किसी नकारात्मक तस्वीर को न टांगे।
भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार सोते समय सिर उत्तर और पैर दक्षिण दिशा में होना अच्छा नहीं माना गया है। इस स्थिति में सोने न केवल नींद कम आने की शिकायत पाई गई है, बल्कि शारीरिक कमजोरी का आभास भी होता है। परिणास्वरुप बीमारियां होने के चांस बढ़ जाते हैं। प्राय: इस दिशा में सोने से सिरदर्द और अनिद्रा की शिकायत रहती है। वास्तुशास्त्र में सोने की सही दिशा पूर्व-पश्चिम मानी गई है। पश्चिम-पूर्व दिशा भी अच्छी मानी गई है।
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