पांच राज्य के विधानसभा चुनावों के बाद अब घोटालों के सामने आने का सिलसिला चल रहा है. बीजेपी सरकार ने उत्तराखंड में त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 240 करोड़ रूपए के जमीन घोटाले का खुलासा किया है. कांग्रेस सरकार ने यह जमीन नेशनल हाईवे 74 के लिए अधिग्रहण की थी.
नईं सरकार ने घोटालें में शामिल 6 अधिकारीयों को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है.
इस मामले में त्रिवेन्द्र सिंह राव का कहना है कि मैदानी जिले उधम सिंह नगर में 2011-2016 के बीच खेती की जमीन के अधिग्रहण में 240 करोड़ रूपए की अनियमिता सामने आई है. कुछ लोगों को जमीन का फ़ायदा पहुचाने के लिए इस खेती की जमीन को गैर कृषि भूमि दिखाया गया है.
इस जमीन से मुआवजे की रकम पर 20 गुना ज्यादा मुनाफा कमाया गया है. उधम सिंह नगर जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर और सितारगंज जमीन सवालों के घेरे में घिरी है.
सरकार अनुमान लगा रही है कि घोटाला की रकम ओर भी बढ़ सकती है. अभी कई मामलों की जांच होनी बाकी है. त्रिवेन्द्र सिंह राव ने कहा कि इस मामले में जो भी कोई होगा उसे बक्शा नहीं जाएगा.
जो छ: अधिकारी सस्पेंड हुए है उनका नाम है दिनेश प्रताप सिंह, जगदीश लाल, अनिल कुमार शुक्ला, सुरेन्द्र सिंह जंगपंगी, भगत सिंह फोनिया और एन एस नानग्याल. एक और अधिकारी जो रिटायर हो चुके है उनका नाम है हिमालय सिंह मारतोलिया, इनका नाम भी सुनने में आ रहा है, लेकिन इनके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाई होने के बाद ही सब स्पष्ट होगा.
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