
हमारी सेक्युलर मीडिया, और सिर्फ मीडिया ही नहीं बल्कि हमारे सेक्युलर नेता, कुछ के हम नाम भी गिनवाना चाहते है, टाइम्स नाउ, NDTV, इंडिया टुडे इत्यादि
और नेताओं में कांग्रेस के कपिल सिब्बल, और इन जैसे तमाम लोग जो स्वयं को सेक्युलर कहते है
ये लोग असल में कितने घिनोने है, ये बात ये लोग स्वयं ही बार बार बताते है
पर सबसे अधिक दुःख की चीज ये है की, लोग समझते नहीं है, और मूढ़ की तरह चुप रहते है, असल में यही भारत का दुर्भाग्य भी है, खैर
देश में कानून का पालन होना चाहिए, सब कहेंगे हां
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में ही यूपी सरकार को आदेश दिया था की सभी गैर क़ानूनी कत्लखाने बंद करो, तुष्टिकरण वालो ने कत्लखाने चलने दिया, बीजेपी की सरकार आयी, और कानून का ही पालन किया गया
अभी तक सिर्फ गैर क़ानूनी कत्लखाने ही बंद किये गए है
इसी कारण लखनऊ में 1 घंटे के लिए मांस की कमी हो गयी, तो तड़प उठे हमारे सेक्युलर लोग
सारे मुद्दे छोड़ टुंडे कबाब पर चर्चा करने लगे, यही तो राष्ट्रीय समस्या है
तमाम लोग बिलबिलाने लगे, इन्होंने तो मांस को भारतीय संस्कृति का अहम् हिस्सा तक बता दिया
ये तमाम लोग 1 घंटे के लिए मांस क्या गायब हुआ एकदम बिलबिला उठे
बता दिए की पिछले 27 सालों से कश्मीर से वहां के मूल निवासी यानि कश्मीरी हिन्दू ही गायब है, वो भारत के अलग अलग इलाकों में रिफ्यूजी बने हुए है
पर आजतक इन सेक्युलर तत्वों ने इसपर 1 भी डिबेट नहीं की, इन लोगों की मानसिकता इतनी वह्सीपने की है, जिसका आकलन नामुमकिन सा है
टुंडे कबाब राष्ट्रीय समस्या है पर लाखों हिन्दुओ की जान नहीं, ये है हमारे देश के सेक्युलर तत्वों की असल हकीकत
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