रांची: टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रांची टेस्ट के चौथे दिन अगर पकड़ बनाने सफलता हासिल की, तो उसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा के शतक और चेतेश्वर पुजारा के दोहरे शतक का अहम रोल रहा. पिछली कुछ पारियों से साहा खुलकर नहीं खेल पा रहे थे, लेकिन रांची में उन्होंने कमाल की पारी खेली. साहा के अनुसार यह उनके करियर की बेस्ट पारी है और वह ऐसा खुद में बदलाव लाने के बाद कर पाए. आइए जानते हैं कि साहा ने क्या बदलाव किए...
117 रनों की पारी खेल भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने वाले भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा ने रविवार को कहा कि यह उनके करियर की अभी तक की बेस्ट पारी है. साहा ने दोहरा शतक लगाने वाले चेतेश्वर पुजारा (202) के साथ सातवें विकेट के लिए 199 रनों की साझेदारी की भारत को 152 रनों की बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
दिन का खेल खत्म होने के बाद साहा ने कहा, "मेरे तीन शतकों में से यह सर्वश्रेष्ठ है. हमें साझेदारी की सख्त जरूरत थी. मेरी साझेदारी धीरे-धीरे शुरू हुई और फिर इसके बाद उन्होंने (पुजारा) दोहरा शतक और मैंने शतक बनाया."
भारत ने दोनों की इस साझेदारी के दम पर अपनी पहली पारी नौ विकेट पर 603 रनों पर घोषित की और उसे 152 रन की बढ़त मिली, जो अहम है. साहा से जब पूछा गया कि क्या वह अपनी बल्लेबाजी में सुधार देखते हैं तो उन्होंने कहा कि वैसे तो उन्होंने अपने आप में ज्यादा बदलाव नहीं किए हैं लेकिन खुद पर भरोसा करना सीख लिया है.
उन्होंने कहा, "मैंने अपनी बल्लेबाजी में ज्यादा बदलाव नहीं किए हैं. मैं अपने पर पहले से ज्यादा भरोसा करने लगा हूं. पहले जब मैं स्वीप शॉट खेलता था या बाहर निकल कर शॉट मारना चाहता था तब मेरे मन में डर रहता था. लेकिन अब टीम मेरा समर्थन कर रही है. इसका मेरी बल्लेबाजी पर काफी असर पड़ा है."
साहा ने कहा कि पुजारा ने धैर्य के साथ बल्लेबाजी की और अपने शॉट्स को रोकते हुए वह एक छोर पर खड़े रहे.
उन्होंने कहा, "पुजी (पुजारा) के पास काफी धैर्य है. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में कई 200-300 रनों की पारियों खेली हैं. वह हमेशा अपने खेल के शीर्ष पर रहते हैं. उन्होंने यहां गजब का धैर्य दिखाया." साहा ने कहा, "एक छोर से उन्हें साथ नहीं मिल रहा था और न ही हमें बड़ी साझेदारियां मिल रही थीं. उन्होंने अपने शॉट्स को रोका और साझेदारी करने की कोशिश की."
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोस हाजलेवुड के साथ हुई नोकझोंक पर साहा ने कहा, "हल्का-फुल्का मजाक चलता है. पुजारा ने उनसे कहा स्कोरबोर्ड की तरफ देखो. वह उस समय 180 के करीब खेल रहे थे. उन्होंने मुझे भी कुछ कहा तो मैंने कहा कि वापस जाओ और गेंद डालो. इससे ज्यादा कुछ नहीं."
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