नई दिल्ली: यूपी की सत्ता गंवाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आराम नहीं मिल रहा है. लड़ाई बाहर से ज्यादा घर के भीतर की है. पिता और चाचा से ऐसी ठनी है कि सुलह दूर की कौड़ी बन गया है. बेटे पर परसों मुलायम ने दुख जाहिर किया तो कल बिना नाम लिए भतीजे पर शिवपाल बरस पड़े.
शिवपाल ने उस बयान का समर्थन किया है जिसमें मुलायम सिंह ने कहा था कि जो बाप का नहीं हो सकता वो किसी और का क्या होगा. साथ ही शिवपाल ने अखिलेश को नसीहत देते हुए कहा है कि नई पीढ़ी की माता-पिता का कहना मानना चाहिए और उन्हें पीड़ा नहीं देनी चाहिए.
इसके साथ अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए शिवपाल यादव ने ये भी कहा कि जब किसी को बिना मेहनत के सब कुछ मिल जाता है तो वो आदमी सही समय पर फैसला नहीं ले पाता है.
नई पार्टी बनाने के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि नई पार्टी का फैसला नेताजी पर छोड़ दिया है. शिवपाल ने नई पार्टी बनाने या किसी और पार्टी में जाने से तो मना किया लेकिन नेताजी का नाम लेकर इशारा कुछ और ही कह रहा है.
कल ही अखिलेश को दो और झटके लगे. वकील और एसपी प्रवक्ता रहे गौरव भाटिया बीजेपी के पाले में चले गए. हालांकि वो चुनाव से पहले ही पार्टी छोड़ चुके थे. वहीं एसपी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुधीर सिंह ने एक चिट्ठी लिखी जिसकी दो लाइनें ही काफी हैं.
चिट्ठी में लिखा है, ‘आपकी सरकार चलाने वाले 9 रत्नों के काकश की बूथवार समीक्षा कर लें. आपको हार के कारणों का अपने आप पता चल जाएगा. आपके जिन चमचों के पास साइकिल नहीं थी, वो अब BMW के काफिले से चल रहे हैं. माननीय अखिलेश जी इतिहास उठाकर देख लें, घमंड तो रावण का भी नहीं रहा, तो आप हम क्या चीज हैं…’. सुधीर ने शिवपाल यादव के अपमान का भी आरोप अखिलेश पर लगाया है.
आपको बता दें कि यूपी विधान सभा चुनाव के दौरान मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के बीच टिकट बंटवारे से लेकर सपा के चुनाव चिह्न तक को लेकर खूब तनातनी हुई और बाद में सब ठीक हो गया. मुलायम ने अखिलेश के सीएम उम्मीदवार होने का समर्थन भी किया. चुनाव के बाद मुलायम और अखिलेश कई बार एक साथ दिख चुके हैं. इसके बाद ये माना जा रहा था दोनों के बीच सब ठीक ठाक चल रहा है लेकिन मुलायम के इस बयान के बाद ऐसा लगता है दोनों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है.
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