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सेक्युलर हिन्दू मुर्ख होंगे हम नहीं, हिन्दू एकजुट होने लगा तो "अल-तकिया" पर उतरा अजमेर दरगाह





मतलब फरेब इतना भी क्या करना, वैसे अब बहुत सारे हिन्दू कई चीजों से वाकिफ है 
इसलिए हिन्दुओ को अब अल तकिया के जरिये और मुर्ख बनाना थोड़ा मुश्किल है 

बता दें की मोईनुद्दीन चिश्ती नामक विदेशी मुस्लिम की कब्र अजमेर में स्तिथि है, जिसे सेक्युलर यानि मूढ़ हिन्दू ख्वाजा भी कहते है, खैर 

अब इस दरगाह के प्रमुख दरगाह दीवान सईद ज़ैनुल ने मांग की है की, देश भर में गौमांस पर प्रतिबंद लगाया जाये, वैसे ये मांग तो ठीक है, प्रतिबन्ध तो होना ही चाहिए 

परंतु ये मांग इस दरगाह के प्रमुख द्वारा की गयी, तो सबसे पहले तो इस दरगाह को ही बैन करना चाहिए क्योंकि जिस शख्स की कब्र है ये असलियत में वो खुद एक गौहत्यारा था 

अब हिन्दू  एकजुट हो रहा है, तो हिन्दुओ को सेक्युलर बनाये रखने के लिए इस तरह की मांग दरगाहों से भी होने लगी, इसे कहते है अल तकिया 

अल तकिया मतलब फरेब करना, मुर्ख बनाने के लिए झूठ बोलना 
बता दें की जिस मोईनुद्दीन चिश्ती की ये कब्र है, वो विदेशी मुस्लिम था, और जब वो यहाँ आया था तो
अजमेर में आना सागर नाम की एक झील है, वहां उसने कई गाँव का क़त्ल करवाया था, और उनका मांस भी खाया था 

फिर ये मर गया, और इसकी लाश वहाँ दफनाई गयी, फिर मूढ़ हिन्दू और जिहादी तत्वों ने इसे दरगाह 
की शक्ल दे दी, और आज भी मूढ़ यानि सेक्युलर हिन्दू ही यहाँ जाते है 
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