
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पिछले एक महीने से कई ताबड़तोड़ फैसले ले रही है. सूत्रों के मुताबिक अब बुधवार को योगी सरकार ने पूर्व की अखिलेश यादव सरकार की चर्चित स्मार्ट फोन योजना को रद्द कर दिया है. आपको बता दें कि इस योजना के तहत 5 करोड़ लोगों को काफी सस्ते दाम पर स्मार्टफोन मुहैया कराना था. अखिलेश यादव ने यह योजना अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में ही लॉन्च की थी.
अखिलेश यादव का इस योजना के जरिये सीधे जनता तक पहुंचने का लक्ष्य था. उनके अनुसार इसके कारण लोगों तक सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी आसानी से पहुंचाई जा सकती थी. आपको बता दें कि इस योजना के तहत लगभग 1 करोड़ से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके थे. अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान जमकर इस योजना का प्रचार किया था.
समाजवादी मुक्त राज्य सरकार
योगी सरकार ने सत्ता में आते ही समाजवादी पार्टी का नाम सरकार से हटाने को लेकर ताबड़तोड़ फैसले लिये. सीएम योगी समाजवादी पेंशन योजना, समाजवादी एंबुलेंस सेवा व अन्य कई योजनाओं से समाजवादी नाम हटाया. तो वहीं अखिलेश यादव की तस्वीर वाले राशनकार्ड वापिस लेने का फैसला भी किया. योगी ने लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट को बनाने में आये खर्च को लेकर जांच के आदेश भी दिये हैं.
पुलिसवालों के ताबड़तोड़ तबादले
मंगलवार शाम को यूपी पुलिस के कुल 626 पुलिस कर्मियों का ट्रांसफर किया गया. प्रदेश में प्रशासन व्यवस्था को चुस्त- दुरुस्त बनाने के लिए योगी सरकार बड़े पैमाने पर तबादले कर रही है. यूपी पुलिस से हासिल जानकारी के मुताबिक कॉन्स्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक के 338 पुलिस वालों को ज़ोन और रेंज से हटाया गया है. इसी प्रकार 288 को मुख्यालय स्तर से हटाकर दूसरी जगहों पर भेज दिया गया है.
बदल दिये एयरपोर्ट के नाम
मंगलवार को कैबिनेट बैठक के दौरान योगी सरकार ने कई एयरपोर्ट के नाम बदले. इनमें गोरखपुर हवाई अड्डा के सिविल टर्मिनल का नाम महा योगी गोरखनाथ जी होगा. वहीं आगरा एयरपोर्ट का नाम दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा जाएगा.
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