नई दिल्ली(1 मई): दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी के घर पर हुए हमले को लेकर पुलिस और मनोज तिवारी आमने-सामने आ गए हैं।
- पुलिस जहां इसे मामूली रोडरेज का मामला बता रही है, वहीं तिवारी का दावा है कि हमलावर हाथ में रॉड लिए हुए थे और उन्होंने उनके बेडरूम तक घुसने की कोशिश की।
- सांसद का दावा है कि हमला करने वाले लोग पूरी तैयारी से आए थे और उन्हें तलाश रहे थे। कुछ अन्य बीजेपी नेताओं ने भी पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है।
- मामले की जांच में जुटी पुलिस ने बताया कि हमला सांसद मनोज तिवारी पर नहीं किया गया बल्कि यह रोडरेज का मामला है। डीसीपी (नई दिल्ली) बीके सिंह ने कहा कि घटना के समय सांसद घर पर नहीं थे। उनके ड्राइवर की कार सरकारी आवास से कुछ दूरी पर एक दूसरी कार से टकराई। उसमें भी सांसद नहीं थे। वहां उनके ड्राइवर का दूसरी कार में सवार लोगों से झगड़ा हुआ।
- डीसीपी ने बताया,'आरोपी भी उसी इलाके के रहने वाले हैं। उन्होंने अपने साथियों को बुला लिया और सांसद के आवास में घुसकर ड्राइवर से मारपीट की। उस दौरान जो लोग बीच-बचाव के लिए आए, उनसे भी मारपीट की गई। घायलों को मामूली चोटें आई हैं। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार केस दर्ज करके आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है।'
- उधर सांसद मनोज तिवारी ने पुलिस के बयान को नकारते हुए दावा किया है कि हमलावर हाथ में रॉड लेकर आए थे। उन्होंने कहा, 'घर में घुसकर उन लोगों ने दोनों लड़कों को मारने की और मुझे तलाशने की कोशिश की। वे पांच-छह लोग घर में घुसकर मेरे बेडरूम तक जाने की कोशिश कर रहे थे। मैं घर पर था नहीं। मैंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस के आने के बाद कुछ लोग भाग गए और चार लोग गिरफ्तार कर लिए गए। इसके बाद FIR हुई और बच्चों को मेडिकल भी हुआ।'
- तिवारी ने आगे कहा, 'कुछ लोग बता रहे हैं कि हमारी गाड़ी टकराई थी, पर मुझे यह नहीं पता। मुझे नहीं पता वो लोग कौन हैं, लेकिन घर में घुसना और मारना पीटना गंभीर मामला है। पुलिस अपना काम कर रही है और मुझे पुलिस पर पूरा भरोसा है। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि वे लोग ट्रक से आए। उनकी काफी तैयारी थी।'
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