# हिन्दू धर्मग्रंथो में यह कहानी आती है की भगवान श्री गणेश का विवाह दो कन्याओ से हुआ था | यह कन्याये – रिद्धि और सिद्धि थी | ये दोनों देवशिल्पी विश्वकर्मा की पुत्रियाँ थी |
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विवाह में विध्न डालने लगे थे गणेश जी -
# गणेश जी की शादी से पहले वे अपने आप से नाराज रहते थे | उनके शरीर पर हाथी का सिर , बाहर निकला हुआ पेट और उनका वाहन एक चूहा | इन कारणों की वजह से कोई लड़की उनसे शादी के लिए सहमति नही दर्शा रही थी |
# इस बात से गणेश जी नाराज थे और जिस स्थान पर भी कोई विवाह होने वाला होता , वहा विध्न डाल देते थे | इन हरकतों से देवी देवता परेशान होने लगे | वे सब भली भाती जानते थे की इन सभी का एक ही निवारण है और वो है भगवान श्री गणेश का विवाह |
# भगवान ब्रह्मा ने तब रिद्धि और सिद्धि से गणेश जा विवाह कराने का प्रस्ताव दिया और फिर धूम धाम से गणेशजी का विवाह किया गया |
गणेश जी की संतान -
# गणेश जी के दो पुत्र शुभ और लाभ और एक पुत्री संतोषी ने जन्म लिया |
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