.jpg)
375, 400* और 501* क्रिकेट इतिहास की ये तीन पारियां हैं, जो ब्रायन लारा को महान साबित करती हैं. वेस्टइंडीज के इस दिग्गज का आज (2 मई ) जन्मदिन है. वे 48 साल के हो गए. लेकिन लारा के लिए ये तीन पारियां स्पेशल नहीं हैं. उनके लिए तो कोई और ही पारी खास है. इसकी चर्चा करने से पहले उन तीन ऐतिहासकि पारियों का याद करते हैं, जो रिकॉर्ड बुक की शान हैं.
यह भी पढ़े -खास खबर :बीजेपी नेता ने ममता बनर्जी को कहे अपशब्द,कहा -हमारी दीदी हिजड़ा बन गई...
एक ही मैदान- एंटीगुआ, एक ही महीना- अप्रैल और एक ही विरोधी टीम- इंग्लैंड, जिसके खिलाफ लारा ने दो ऐतिहासिक टेस्ट पारियां खेलीं.
-सबसे पहले 1994 में लारा ने 375 रन बनाकर सर गैरी सोबर्स का 365* रनों का 36 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा. सोबर्स ने पाकिस्तान के खिलाफ 1958 में किंग्स्टन में टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी खेली थी.
-हालांकि 9 साल बाद ही (2003 में) ऑस्ट्रेलियाई मैथ्यू हेडन ने 380 रन बनाकर यह रिकॉर्ड तोड़ डाला. लेकिन छह महीने बाद ही लारा ने एक बार फिर नया रिकॉर्ड बना डाला. इस बार उन्होंने नाबाद 400 रनों की पारी खेली. और 13 साल बाद भी यह कीर्तिमान सुरक्षित है.
- जून 1994 में इंग्लिश काउंटी में लारा ने वारविकशायर की ओर से खेलते हुए डरहम के खिलाफ नाबाद 501 रन की पारी खेली. लारा इसके साथ ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे बड़ा स्कोर खड़ा करने वाले खिलाड़ी बन गए. उन्होंने पाकिस्तान के हनीफ मोहम्मद (499) को पीछे छोड़ा.
...लेकिन लारा के लिए 277 रनों की पारी है खास
ब्रायन लारा अपना पहला टेस्ट शतक, जो दोहरा शतक था, को अपनी स्पेशल पारी मानते हैं. वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1993 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर 277 रन बनाकर रन आउट हुए थे. इस पारी की बदौलत वेस्टइंडीज ने वह टेस्ट ड्रॉ कराया था. खुद लारा अपनी इस पारी को कभी भूलना नहीं चाहते-
ब्रायन लारा अपना पहला टेस्ट शतक, जो दोहरा शतक था, को अपनी स्पेशल पारी मानते हैं. वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1993 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर 277 रन बनाकर रन आउट हुए थे. इस पारी की बदौलत वेस्टइंडीज ने वह टेस्ट ड्रॉ कराया था. खुद लारा अपनी इस पारी को कभी भूलना नहीं चाहते-
यह भी पढ़े -दिग्विजय सिंह ने तेलंगाना सरकार पर साधा निशाना :बोले -मुस्लिम युवाओं को आतंकी बनाने के लिए उकसा रहे है...
इसलिए बेटी का नाम रखा सिडनी...
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के तीसरे टेस्ट में हम 0-1 से पिछड़ रहे थे. मुझ जैसे युवा बल्लेबाज के लिए शेन वॉर्न और क्रेग मेकडरमॉट को खेलना बड़ी चुनौती थी. कोच रोहन कन्हाई ने जितनी देर विकेट पर संभव हो, टिकने के लिए कहा था. यह पारी मेरे करियर की श्रेष्ठतम पांच पारियों में शामिल है. क्रिकेट करियर में यह पारी प्रेरणादायी साबित हुई. सिडनी टेस्ट की अपनी इस पारी की यादें संजोए रखने के लिए मैंने अपनी बेटी का नाम सिडनी रख दिया.
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के तीसरे टेस्ट में हम 0-1 से पिछड़ रहे थे. मुझ जैसे युवा बल्लेबाज के लिए शेन वॉर्न और क्रेग मेकडरमॉट को खेलना बड़ी चुनौती थी. कोच रोहन कन्हाई ने जितनी देर विकेट पर संभव हो, टिकने के लिए कहा था. यह पारी मेरे करियर की श्रेष्ठतम पांच पारियों में शामिल है. क्रिकेट करियर में यह पारी प्रेरणादायी साबित हुई. सिडनी टेस्ट की अपनी इस पारी की यादें संजोए रखने के लिए मैंने अपनी बेटी का नाम सिडनी रख दिया.
Like Our Facebook Fan Page
Subscribe For Free Email Updates
0 comments: