loading...

ये है हनुमानजी के पांच रूप जिन्हें शायद आप भी नहीं जानते होगें ! देखियें...

Related image

प्राचिन काल से ऐसी मान्यता है कि कलियुग में हनुमानजी की पूजा से न सिर्फ घर की बाधा दूर होती है, बल्कि बिगड़े काम भी बन जाते हैं। कहते हैं कलियुग में समस्त दुखों का नाश महज हनुमानजी की आराधना से हो जाता है। 


हनुमान जी से जुड़े कुछ छोटे-छोटे तथ्य हैं, जो काफी कम लोग जानते हैं। जैसे कि उनका नाम, ‘हनुमान’ शब्द का यदि संस्कृत अर्थ निकाला जाए तो इसका मतलब होता है जिसका मुख या जबड़ा बिगड़ा हुआ हो।
आज हम हनुमान जी के बारे में आपको कुछ रोचक जानकारी देंगे। बजरंगबली, पवन पुत्र, अंजनी पुत्र, राम भक्त, ऐसे ही कई नामों से पुकारा जाता है हनुमान जी को। यह बात शायद सभी जानते हैं
हनुमानजी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने पर अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है 

1.राम भक्त हनुमान :-

Image result for राम भक्त हनुमान

इस स्वरूप में हनुमानजी श्रीराम की भक्ति में लीन दिखाई देते हैं। जो लोग इस स्वरूप की पूजा करते हैं, उन्हें कार्यों में सफलता पाने के लिए एकाग्रता और शक्ति प्राप्त होती है। लक्ष्यों को प्राप्त करने में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस स्वरूप की पूजा करने पर भक्त के मन में कार्य और रिश्तों के प्रति सेवा और समर्पण की भावना जागृत होती है। व्यक्ति को परिवार और कार्य स्थल पर सभी बड़े लोगों का विशेष स्नेह प्राप्त होता है। सेवक हनुमान' के स्वरूप में भगवान राम के चरणों में हनुमानजी बैठे हुए हैं और श्रीराम उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं।

2.बजरंगबली /वीर हनुमान :- 

Image result for बजरंगबली /वीर हनुमान

हनुमानजी के बारे जानकारी वैसे तो रामायण, श्रीरामचरितमानस, महाभारत और भी कई हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलती है। लेकिन उनके बारे में कुछ ऐसी भी बातें हैं जो बहुत कम धर्म ग्रंथों में उपलब्ध है 'ब्रह्मांडपुराण' उन्हीं में से एक है।वीर हनुमान स्वरूप में साहस, बल, पराक्रम व आत्मविश्वास दिखाई देता है। हनुमानजी अपने साहस और पराक्रम से कई राक्षसों को नष्ट किया और श्रीराम के काज संवारें। वीर हनुमान नाम के अनुरूप हनुमानजी के इस स्वरूप की उपासना करने से बल, पराक्रम और साहस की प्राप्ति होती है। वीर हनुमान स्वरूप की पूजा मात्र से आत्मविश्वास चेहरे पर नजर आता है। साथ ही आपके साहस के आगे शत्रु नतमस्तक हो जाएंगे।

3.सूर्यमुखी हनुमान :-

Related image

सूर्य देव हनुमानजी के गुरु हैं। सूर्य पूर्व दिशा से उदय होता है। सूर्य और सूर्य का प्रकाश, गति और ज्ञान के भी प्रतीक हैं। जिस तस्वीर में हनुमानजी सूर्य की उपासना कर रहे हैं या सूर्य की ओर देख रहे हैं, उस स्वरूप की पूजा करने पर भक्त को भी ज्ञान और कार्यों में गति प्राप्त होती है। सूर्यमुखी हनुमान की पूजा से विद्या, प्रसिद्धि, उन्नति और मान-सम्मान प्राप्त होता है

4.दक्षिणामुखी हनुमान :-

Related image

हनुमानजी की वह प्रतिमा जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है, वह हनुमानजी का दक्षिणमुखी स्वरूप है। दक्षिण दिशा काल यानी यमराज (मृत्यु के देवता) की दिशा मानी जाती है। हनुमानजी रुद्र (शिवजी) अवतार माने जाते हैं, जो काल के नियंत्रक हैं। इसलिए दक्षिणामुखी हनुमान की पूजा करने पर मृत्यु भय और चिंताएं समाप्त होती हैं।

5.उत्तरामुखी हनुमान :-

Image result for उत्तरामुखी हनुमान

देवी-देवताओं की दिशा उत्तर मानी गई है। इसी दिशा में सभी देवी-देवताओं का वास है। हनुमानजी की जिस प्रतिमा का मुख उत्तर दिशा की ओर है, वह हनुमानजी का उत्तरामुखी स्वरूप है। इस स्वरूप की पूजा करने पर सभी देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है। घर-परिवार में शुभ और मंगल वातावरण रहता है।
loading...
Previous Post
Next Post
loading...
loading...

0 comments: